निर्जला एकादशी : जल से भरी मटकी, आम का करें दान
बीकानेर। हिन्दु पंचांगों के अनुसार एक वर्ष की 26 एकादशियों में से निर्जला एकादशी का व्रत करने से संपूर्ण एकादशियों का फल प्राप्त होता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी समस्त पापों का हरण करने और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली है। पंडित गिरधारी सूरा (पुरोहित) ने बताया कि यह एकादशी इस बार 31 मई 2023 बुधवार को है। 30 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से होगी. ये तिथि अगले दिन 31 मई 2023 दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 50 पर समाप्त होगी. एकादशी का व्रत उदयातिथि के अनुसार यह व्रत 31 मई 2023 को रखा जाएगा।
इस एकादशी को निर्जला एकादशी, भीम एकादशी या पांडव एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों मे श्लोक के माध्यम से भी बताया है-
वृषस्थे मिथुनस्थेऽर्के शुक्ला ह्येकादशी भवेत्।
ज्येष्ठे मासि प्रयत्नेन सोपोष्या जलवर्जिता।।
स्नाने चाचमेन चैव वर्जयेन्नोदकं बुध:।
संवत्सरस्य या मध्ये एकादश्यो भवन्त्युत।।
तासां फलमवाप्नोति अत्र मे नास्ति संशय:।
निर्जल व्रत करने वाला, अपवित्र अवस्था के आचमनी के सिवा, बिंदु मात्र जल भी ग्रहण न करे। सम्पूर्ण इन्द्रियों को वश में रखकर इस दिन केवल श्रीहरि की भक्ति में लीन हो रहेें।
क्या दान करें- गोदान, अन्न, जल, सय्या, वस्त्र, फल, छाता, जूता, आसन, कमंडलू, चन्दन का दान कर सकते हैं। घर के सभी सदस्यों से हाथ लगवाकर मटकी, कुंजा, गलना, पंखी, ठंडाई, शक्कर, आम, काकड़ी, रुपया, मिठाई, शेवैइ, शक़्कर का ओला किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को देवें। आप अपने सामथ्र्य अनुसार कुछ भी वस्तु दान कर सकते हो। दान करने से आयु की वृद्धि, रोग से छुटकारा, मोक्ष की प्राप्ति एवं हर मनोकामना की पूर्ति होती है।
ज्येष्ठे मासि नृपश्रेष्ठ या
शुक्लैकादशी शुभा।
निर्जलं समुपोष्यात्र
जलकुम्भान् सशर्करान्॥
प्रदाय विप्रमुख्येभ्या मोदते विष्णुसन्निधौ॥
हे राजाओं में श्रेष्ठ ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की शुभ एकादशी में निर्जल व्रत करके खांड सहित जल के घड़े ब्राह्मणों को देकर विष्णुके निकट आनन्द भोगता है। ज्येष्ठशुक्ल एकादशी निर्जला होती है, उसमें व्रत करके ब्राह्मणों को जलके घड़ों का दान दें। गोदान, अन्न, जल, सय्या, वस्त्र, फल, छाता, जूता, आसन, कमंडलू, चन्दन का दान कर सकते हैं। घर के सभी सदस्यों से हाथ लगवाकर मटकी, कुंजा, गलना, पंखी, ठंडाई, शक्कर, आम, काकड़ी, रुपया, मिठाई, शेवैइ, शक़्कर का ओला किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को देवें। आप अपने सामथ्र्य अनुसार कुछ भी वस्तु दान कर सकते हो। दान करने से आयु की वृद्धि, रोग से छुटकारा, मोक्ष की प्राप्ति एवं हर मनोकामना की पूर्ति होती है।
31 मई 2023 बुधवार का पंचांग एवं मुहुर्त
संवत् 2080, शाके 1945
तिथि : एकादशी 13:45 तक
माह : ज्येष्ठ
पक्ष : शुक्ल
नक्षत्र : हस्त, चित्रा
योग : व्यतिपत
करण : विष्टि भद्र
सूर्योदय : 5:49
सूर्यास्त : 7:33
चंद्र राशि : कन्या, तुला
सूर्य राशि : वृषभ
आयन : उत्तरायण
राहुकाल : दोपहर 12:35 से 2:18 बजे
शुभ समय : सुबह 5:49से सुबह 9:08 तक