गहलोत सरकार की एक और योजना का नाम बदला
जयपुर। भजनलाल सरकार ने पिछली गहलोत सरकार की एक और योजना का नाम बदल दिया है। सरकार की ओर से जारी आदेशों में अब इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना कर दिया है। इस योजना के तहत सरकार शहरी क्षेत्र के बेरोजगारों और उनके परिवार को 100 दिन का निश्चित रोजगार उपलब्ध करवाती है। इस योजना का शुभारंभ तत्कालीन गहलोत सरकार ने सितंबर 2022 में किया था। इस योजना के तहत ग्रामीण बेरोजगारों की तर्ज पर शहरी बेरोजगारों को 100 दिन का निश्चित रोजगार दिया जाता है। शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत जरूरतमंद परिवार जनाधार से जॉब कार्ड बनाकर रोजगार की मांग करते हुए रोजगार प्राप्त करते हैं। ये योजना केंद्र की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शुरू की गई थी। सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार ने 5 जनवरी 2024 को इंदिरा रसोई का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना किया था।
इंदिरा रसोई का नाम बदलने के साथ ही सरकार ने इसमें भोजन की मात्रा 150 ग्राम बढ़ाई थी। पहले एक व्यक्ति एक समय में दो थाली भोजन ले सकता था। अब एक व्यक्ति को एक समय में एक थाली मिलती है। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का नाम बदलकर उसे केन्द्र की आयुष्मान योजना में मर्ज किया गया था। उसका नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया गया था। चिरंजीवी योजना का सरकार ने नाम ही नहीं बदला, बल्कि सुविधा का दायरा भी कम कर दिया था। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को मिल्क पाउडर उपलब्ध करवाने वाली मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का नाम बदलकर पन्नाधाय बाल गोपाल योजना किया गया। विदेश में पढ़ाई के इच्छुक छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर अकेडमिक एक्सीलेंस योजना का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर अकेडमिक एक्सीलेंस योजना कर दिया था।