किसानों का दिल्ली चलो मार्च टला, अंबाला में इंटरनेट और स्कूल कॉलेज भी बंद
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसान शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन करीब ढाई घंटे बाद किसानों ने मार्च टाल दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है, इसलिए हम कल तक इंतजार करेंगे। हम सरकार से टकराव नहीं चाहते। हमसे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बात करें। केंद्र वार्ता करेगा तो ठीक, नहीं तो रविवार यानी 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा।
पिछले 9 महीने से कैंप लगाकर बैठे किसानों ने दोपहर एक बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली रवाना किया था। किसानों ने बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए। इस पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और आंसू गैस के गोले दागे। इसमें 8 किसान घायल हुए हैं। 2 की हालत गंभीर है।
पंधेर ने कहा कि हरियाणा पुलिस से हमारी बातचीत हुई। उन्होंने हमसे मांग पत्र मांगा। इसके बाद हमने उन्हें मांग पत्र सौंपा। जिसमें केंद्र सरकार से वार्ता की बात कही है। कल का दिन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा पुलिस की तरफ से दागे गए आंसू गैस के गोलों के कारण हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। इसके बाद हमने जत्थे को वापस बुला लिया।
‘अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएÓ
हरियाणा पुलिस ने किसानों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (क्चहृस्) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया। शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दिया जाए या फिर हमारी मांगों पर हमसे बात की जाए। अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बहाल करनी चाहिए। किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों को हल करने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। किसानों के बीच चल रहे असंतोष के बारे में बोलते हुए, तिवारी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (रूस्क्क) के लिए संवैधानिक गारंटी प्रदान करने में सरकार की विफलता को उजागर किया, इसे “वादाखिलाफी” करार दिया। तिवारी ने कहा, “दिल्ली की सीमा पर 700 किसानों के बलिदान के बाद कृषि मंत्री और किसानों के बीच समझौता हुआ था।