बजट 2025 : 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं, दुर्लभ बीमारियों की 36 दवाएं होंगी सस्ती

वित्त मंत्री सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। टोटल बजट 50.65 लाख करोड़ का है। बजट में नौकरीपेशा के लिए 12.75 लाख तक की आय टैक्स फ्री कर सरकार ने मध्यम वर्ग को साधा और दिल्ली को भी, जहां 4 दिन बाद 5 फरवरी को वोटिंग है। इस ऐलान को देश की राजधानी के 67 प्रतिशत मिडिल क्लास से जोड़कर देखा जा रहा है। दिल्ली की आबादी 3 करोड़ 38 लाख है। इनमें से 40 लाख लोग टैक्स भरते हैं। दिल्ली में 1.55 करोड़ कुल वोटर हैं। पिछले साल अक्टूबर में केजरीवाल ने कहा था कि दिल्लीवाले 1.78 लाख करोड़ इनकम टैक्स देते हैं। सीतारमण ने 77 मिनट के भाषण में 9 बार बिहार का जिक्र कर राज्य के लिए मखाना बोर्ड बनाने समेत कई घोषणाएं कींं। राज्य में साल के आखिर में चुनाव होने हैं। बजट में सीतारमण ने इलेक्ट्रिक कार, मोबाइल और रुश्वष्ठ सस्ते होने का रास्ता खोला। कैंसर और कुछ जरूरी दवाओं के दाम भी कम होने का ऐलान किया। बुजुर्गों को एफडी पर मिलने वाले 50 हजार ब्याज पर टीडीएस नहीं लगाया जाता था। अब इसे बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है। यानी किसी डिपॉजिट से उन्हें अगर एक लाख ब्याज मिल रहा है, तो उन्हें टीडीएस नहीं देना होगा। 10 करोड़ से ज्यादा बुजुर्गों को फायदा होगा। नेशनल सेविंग स्कीम खाते से 29 अगस्त 2024 के बाद निकाली गई रकम को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा।
5 लाख एससी-एसटी महिलाएं, जो पहली बार आंत्रप्रेन्योर बनी हैं, उन्हें अगले 5 साल में 2 करोड़ तक का टर्म लोन दिया जाएगा। आंगनवाड़ी योजना के तहत देश भर में 8 करोड़ से अधिक बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। महिलाओं के लिए मिशन शक्ति योजना को 3 हजार 150 करोड़ का बजट दिया गया है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाई, नारी अदालत, महिला हेल्पलाइन, महिला पुलिस वॉलंटियर योजनाओं को इसमें से 629 करोड़ रुपए मिलेंगे। स्वधार गृह, मातृ वंदन, वर्किंग वुमंस हॉस्टल और नेशनल क्रेच जैसी स्कीम्स को 2 हजार 521 करोड़ का बजट दिया गया है। निर्भया फंड के तहत चल रही योजनाओं के लिए 30 करोड़ का बजट है। नॉर्थ-ईस्ट में महिला-बाल विकास के लिए 2 हजार 615 करोड़ की योजनाएं, राज्य सरकारों को 22 हजार 195 करोड़ की मदद और केंद्र शासित प्रदेशों में महिला और बाल विकास के प्रोग्राम चलाने के लिए 897 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड बनेगा। 500 करोड़ रुपए से 3 ्रद्ब (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक्सीलेंस सेंटर बनेंगे। मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ेंगी। एक साल में 10 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी। पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत 10 हजार नई फेलोशिप दी जाएगी। रोजगार के लिए सरकार ने अलग से कोई घोषणा नहीं की। हालांकि सीतारमण ने कई योजनाओं का ऐलान करते हुए यह जरूर कहा कि इनसे रोजगार का सृजन होगा। कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में पीएम धन-धान्य कृषि योजना लागू की जाएगी। इसके तहत प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा। पंचायत लेवल पर स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा। किसान क्रेडिट कार्ड (्यष्टष्ट) की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए हुई। डेयरी और मछली पालन के लिए 5 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा। दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 6 साल का मिशन होगा। इसके तहत नेफेड और दूसरी केंद्रीय एजेंसियां किसानों से अगले 4 साल तक दाल की खरीद करेंगी। कपास उत्पादन के लिए 5 साल की कार्ययोजना। प्रोडक्शन, मार्केटिंग पर फोकस रहेगा।
असम के नामरूप में नया यूरिया प्लांट लगेगा। देश में ज्ञान भारत मिशन शुरू होगा। 1 करोड़ मैनुस्क्रिप्ट का डिजिटलाइजेशन होगा। सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी। स्किल बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के 5 सेंटर बनाए जाएंगे सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाएं पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दी हैं। कैंसर जैसी भयावह बीमारी से जूझ रहे लोगों और परिवारों को राहत देने के लिए अगले 3 सालों में सभी जिला अस्पतालों में 200 डे केयर कैंसर सेंटर बनाएगी। 1 करोड़ वर्कर्स यानी फूड डिलीवरी करने वाले, कैब चलाने वाले और ऑनलाइन डिलिवरी करने वाले वर्कर्स को आईकार्ड दिए जाएंगे। इनका ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का फायदा भी मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक इन वर्कर्स की संख्या 23 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी।
