भामाशाह नरसी कुलरिया के जन्मदिन पर हुए गौसेवा, रक्तदान व जरुरतमंदों को भोजन वितरण के आयोजन
संस्कार, मेहनत और सेवा को दिनचर्या में करें शामिल : नरसी कुलरिया
बीकानेर। देश के जाने-माने भामाशाह एवं उद्योगपति नरसी कुलरिया का जन्मदिन पर सेवा कार्यों के साथ मनाया गया। सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुलरिया ने बताया कि भामाशाह नरसी कुलरिया ने अपनी माताजी रामप्यारी देवी व बड़े भाई भंवर कुलरिया से आशीर्वाद प्राप्त किया तथा मुम्बई के जुहू स्थित हरे रामा हरे कृष्णा मंदिर में प्रभु के दर्शन कर देश में खुशहाली की कामना की। प्रदेश की विभिन्न गौशालाओं में हरा चारा, गुड़ भिजवाया गया। इसके साथ ही अनेक सामाजिक संगठनों ने सेवा कार्य कर भामाशाह नरसी कुलरिया का जन्मदिन मनाया। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जेएनवी स्थित सेवा आश्रम-2 में नंदलाल जोशी चैरिटेबल फाउंडेशन के अनिल जोशी व तीरंदाजी खिलाडिय़ों द्वारा भोजन वितरण किया गया। नागौर की श्रीकृष्ण गौशाला में गौवंश को लापसी का भोग लगाया गया।
विनोद कुलरिया परिवार बीकानेर, रिद्धिसार फाउंडेशन की शोभा सुथार तथा दिव्यांग सेवा संस्थान के जेठाराम द्वारा जरुरतमंदों को भोजन वितरित किया गया। नोखा मूलवास सिलवा के नरसी कुलरिया ने अपने जन्मदिन पर युवाओं को एक विशेष संदेश जारी करते हुए कहा कि जीवन में संस्कार, सेवा और मेहनत को यदि आत्मसात् करोगे तो केवल आपका जीवन ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए स्वर्णिम भविष्य की शुरुआत होगी। पिछले कुछ वर्षों में भारत उन्नति के पथ पर अग्रसर होने लगा है और हुनर कौशल विकास जैसी योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। भामाशाह नरसी कुलरिया ने कहा कि जिस देश में रोजगार के अवसर निरन्तर बढ़ते रहें वही देश सम्पन्न व समृद्ध हो सकता है। वर्षों से गरीबी के दंश को झेल रहा भारत अब डिजिटल युग में पहुंच गया है।
बात खेलों में खिलाडिय़ों के परचम फहराने की हो या सैन्य बल में विश्वभर में धाक जमाने की हो भारत देश अब सबसे मजबूत और सशक्त रूप से अपने कदम जमाए हुआ है। नरसी कुलरिया ने कहा कि साथियों यही अवसर है जब आप संस्कारों के साथ अपने कर्मक्षेत्र में पूरी मेहनत व लगन से कार्य करें, मेरा वादा है सफलता स्वयं आपका स्वागत करेगी। मैंने अपने माता-पिता व पूर्वजों से यही सीख ली है कि संस्कारी जीवन जीएं, मेहनत और सेवा में कभी कमी न रखें। एक बात और सफलता का अर्थ केवल धनी बनना ही नहीं बल्कि मददगार बनना भी है। उन्होंने कहा कि साथियों एक प्रण जरूर लें कि रोजाना एक सेवा का काम अवश्य करेंगे चाहे वह छोटा कार्य ही हो लेकिन सेवा को दैनिक दिनचर्या में जरूर शामिल करेंगे। किसी भी तरह के नशे का सेवन न करें और नशा करने वालों को टोकें जरूर, यह टोकना ही नशे को रोकना होगा।