मौनी अमावस्या : मौन रहें, दान-पुण्य के साथ पितरों का करें तर्पण
29 जनवरी बुधवार को मौनी अमावस्या मनाई जा रही है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या पर मौन रहने का महत्व बहुत गहरा है। पं. गिरधारी सूरा पुरोहित ने बताया कि मौन व्रत के दौरान मन को शांत रखें और किसी भी प्रकार के विवाद से बचें। मौन व्रत के लिए शांत और एकांत का स्थान चुनें। इस दिन पितरों का श्राद्ध करने, दान करने और पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है। मौनी अमावस्या पर ऊनी कपड़े, तिल का दान, जूते-चप्पल का दान करने तथा पीपल के पेड़ की पूजा करने और उस पर जल चढ़ाने से पितरों को शांति मिलती है।
पं. सूरा ने बताया कि मौनी अमावस्या की रात को घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितरों को अपने लोक लौटने में मदद मिलती है। पं. गिरधारी ने बताया कि हवन करने से राहु का बुरा प्रभाव कम होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। तिल से हवन करने पर शनि और पितरों की कृपा मिलती है। अगर आपके विवाहित जीवन में किसी प्रकार की परेशानी चल रही है तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या के दिन आपको स्नान आदि के बाद सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। उसके बाद विधिपूर्वक धूप-दीप आदि से शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इस दिन गाय की सेवा करें तथा गाय को हरा चारा खिलाएं।
राशि के अनुसार करें ये दान
मेष-इस राशि के लोग सुबह जल्दी उठें। पानी में काले तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान करें। तांबे के बर्तन में जल भरकर दान करें।
वृषभ-सुबह स्नान के बाद ऊनी वस्त्रों का दान करें। इसके साथ ही किसी मंदिर में तिल, कपास (रूई), तेल का दान करें।
मिथुन-सुबह किसी नदी में स्नान करें। नदी किनारे ही सूर्य को अर्घ्य दें। नए कंबल और अन्न का दान करें।
कर्क-सुबह स्नान के बाद काले तिल, नए वस्त्र, गेहूं, चावल और चांदी का दान करें। भगवान विष्णु की पूजा करें।
सिंह-नदी-सरोवर में स्नान करें। स्नान के बाद वस्त्रों का दान करें। किसी मंदिर काले तिल का दान करें।
कन्या-स्नान के बाद गुड, तिल, तेल और वस्त्रों का दान करें। किसी विद्यार्थी को पुस्तकें उपहार में दें।
तुला-ऊनी वस्त्रों का दान करें। किसी मंदिर में जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं। विष्णु जी की पूजा करें।
वृश्चिक-सुबह स्नान के बाद चंदन, तेल, हल्दी का दान किसी मंदिर में करें। दूध मिश्रित जल से सूर्य को अर्घ्य दें।
धनु-धन-धान्य, तेल, कपास (रूई), काले तिल का दान करें। गुरु ग्रह के लिए चने की दाल का दान करें। शिवलिंग पर पीले फूल चढ़ाएं।
मकर- स्नान के बाद तांबे के बर्तन में लाल फूल, जल डालें और सूर्य को अर्घ्य चढ़ाएं। शुद्ध घी का दान करें।
कुंभ-स्नान के बाद गरीबों को अन्न और वस्त्रों का दान करें। तिल मिश्रित पदार्थों का सेवन करें। किसी गरीब बच्चे को मीठा दूध पीने के लिए दें।
मीन-किसी मंदिर में या सार्वजनिक जगह पर पीपल का पौधा लगाएं। पीपल की देखभाल करने का संकल्प लें। पीपल के पास बैठकर गायत्री मंत्र का जप करें। दूध का दान करें।