खाटूश्याम मंदिर : महासचिव पर गुमराह करने का आरोप, ट्रस्टियों ने कहा- द्वेषपूर्ण कार्यवाही, सबूत सहित दिया स्पष्टीकरण
बीकानेर। जयपुर रोड स्थित खाटू श्याम मंदिर का संचालन कर रहे श्री श्याम बाल संकीर्तन मंडल समिति सार्वजनिक प्रन्यास, बीकानेर पर पूर्व महासचिव सुरेश भसीन द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का खंडन रिद्धि सिद्धि भवन में हुई प्रेस वार्ता में किया गया। इस दौरान प्रन्यास के आठ ट्रस्टियों में से 6 ट्रस्टी उपस्थित रहे। प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए ट्रस्ट अध्यक्ष केके शर्मा व कार्यवाहक अध्यक्ष सुभाष मित्तल ने भसीन द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का सबूत सहित स्पष्टीकरण दिया। ट्रस्टी व अध्यक्ष के के शर्मा ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह मात्र द्वेषपूर्ण कार्यवाही है। सुरेश भसीन लंबे समय से ट्रस्टियों को दबा रहे थे, ऐसे में उनका निष्कासन आवश्यक हो गया था।
ट्रस्टियों ने बताया कि सुरेश भसीन ने अवैध रूप से साधारण सदस्यों की नियुक्ति कर उनकी बैठक ले ली। जबकि ट्रस्ट में प्रस्ताव पारित किए बिना साधारण व विशेष सहित किसी भी प्रकार के सदस्यों की नियुक्ति भी नहीं की जा सकती। प्रेसवार्ता में ट्रस्टियों ने सुरेश भसीन द्वारा कुछ बाहरी लोगों से साठ-गांठ करके पार्टी विशेष की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है तथा उनके द्वारा पार्टी विशेष के नाम पर धमकियां देने की भी बात कही गई। सुभाष मित्तल ने कहा कि आलाकमान तक इसकी शिकायत की जाएगी। प्रेसवार्ता में ट्रस्टी व अध्यक्ष के के शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष मित्तल, श्रीराम अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, कृष्ण कुमार शर्मा, ओमप्रकाश जिंदल, बृजमोहन जिंदल उपस्थित रहे। ट्रस्टी बलदेव यादव बीकानेर से बाहर होने की वजह से अनुपस्थित रहे।
महासचिव ने लगाया आठ करोड़ की रसीदें जलाने का आरोप, ट्रस्टियों ने इसे हास्यास्पद बताया
सुरेश भसीन ने प्रन्यास पर आठ करोड़ के गबन का आरोप लगाया। कहा कि आठ करोड़ की रसीदें जला दी। बात यहीं नहीं रुकी, मीडिया में यह अफवाह फैलाई गई कि कार्यकारी अध्यक्ष सुभाष मित्तल ने महासचिव सुरेश भसीन को नियमों के खिलाफ जाकर निष्कासित कर दिया। जबकि सुभाष मित्तल को पहले ही कार्यमुक्त कर दिया गया था। इस आरोप का अध्यक्ष व शेष ट्रस्टियों ने खंडन करते हुए कहा कि सुभाष मित्तल वर्तमान में भी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। आठ करोड़ के गबन के मामले को लेकर बताया गया कि ट्रस्ट के किसी सदस्य ने आज तक कोई गबन नहीं किया। सदस्यों ने कहा कि यह बेहद हास्यास्पद आरोप है कि आठ करोड़ की रसीदें जला दी। जबकि पूर्व में ट्रस्टियों की उपस्थिति में अनुपयोगी पड़ी फ्रेश रसीदों को निस्तारण के उद्देश्य से जलाया गया था। हालांकि कुछ रसीदें धन संग्रह के लिए दी गई थी, वह वापिस नहीं आई। ट्रस्टियों ने कहा कि प्राप्त समस्त चंदे का आना-पाई सहित हिसाब खाते में मौजूद है।