हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, सैकड़ों की मौत
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मच गई। कुचलने से 122 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। कई लोगों की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपों में भरकर सिकंदराराऊ , एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। एटा के ष्टरूह्र उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं। इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया।
साथी उसे डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उसकी मौत हो गई। हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया। सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे। परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे। अफसर खड़े देखते रहे। न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था।
ऐसे हुआ हादसा- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं।
दो मंत्री, सीएस और डीजीपी घटनास्थल पहुंचे
ष्टरू योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज सिंह और ष्ठत्रक्क प्रशांत कुमार घटनास्थल पहुंच गए हैं। दो मंत्रियों को भी मौके पर भेजा गया है। घटना की जांच के लिए ्रष्ठत्र आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई है। डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी।