आरटीई ने किया अपने नियमों में बदलाव… पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
शिक्षा विभाग ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में नि: शुल्क प्रवेश की गाइडलाइन जारी की। इस बार प्रावधानों में बड़ा बदलाव किया है। आय प्रमाण-पत्र बनवाने में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब अभिभावक का आय का खुद का घोषणा पत्र नहीं चलेगा। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा निर्धारित प्रारुप में ही आय प्रमाण-पत्र बनवाना होगा। पहली कक्षा में प्रवेश के लिए भी आयु सीमा में एक साल की कटौती कर दी है। इस साल 6 वर्ष से अधिक और 7 वर्ष आयु से कम के बच्चों का ही पहली कक्षा में प्रवेश हो सकेगा।
पिछले साल पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा 5 से 7 साल तक थी। रोचक यह है कि निजी स्कूलों में अगर फीस देकर प्रवेश कराया जाता है तो 6 वर्ष से कम उम्र होने पर भी दाखिला मिल जाता है, जबकि नि:शुल्क शिक्षा में आयु सीमा में बांध दिया गया है। इस बार केवल 2 कक्षाओं में ही प्रवेश हो सकेंगे। पीपी थ्री प्लस और पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन किया जा सकेगा। पहले 4 कक्षाओं में प्रवेश दिया था। इस साल प्री प्राइमरी (पीपी थ्री) प्लस के लिए आयु सीमा 3 से 4 साल और पहली कक्षा के लिए आयु सीमा 6 से 7 साल रखी है।
पीपी थ्री प्लस की आयु सीमा में तो बदलाव नहीं है। आयु की गणना की तारीख में भी बदलाव किया है। अब 31 जुलाई 2024 के आधार पर आयु सीमा की गणना की जाएगी। सरकार ने 50 जिले कर दिए हैं, लेकिन लोगों के पास नए जिलों के दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए 33 जिलों के आधार पर ही प्रवेश प्रक्रिया चलेगी और इन जिलों के दस्तावेजों से प्रवेश हो सकेंगे। विभाग की ओर से आरटीई प्रवेश के लिए बुधवार से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
आवेदन की अंतिम तिथि 21 अप्रेल है। प्रवेश का वरीयता क्रम तय करने के लिए 23 अप्रेल को लॉटरी निकाली जाएगी। अभिभावकों को 30 अप्रेल तक ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी। प्रदेश के करीब 40 हजार निजी स्कूलों की 4 लाख से अधिक सीटों पर नि: शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन किए जा सकेंगे।