आपकी छोटी सी मदद बचा सकती है अर्जुन की जान…पढ़े पूरी खबर
एसएमए से पीडि़त एक बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए शिक्षा विभाग भी आया आगे
जयपुर। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय द्वारिकापुरी, जयपुर में पदस्थापित प्रयोगशाला सहायक पूनम जांगिड़ का पुत्र अर्जुन जांगिड़ जिसकी आयु 22 माह 15 दिन है। यह बच्चा स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी से पीडि़त है। जो की एक दुर्लभ आनुवांशिक विकार है। उक्त बीमारी के कारण बच्चे की गतिशीलता सामान्य बच्चों की तरह नहीं है। वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता है।
उसे सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि एसएमए से पीडि़त इसे बच्चे की जिंदगी बचाने को लेकर शिक्षा महकमा आगे आया है। माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर के निदेशक आशीष मोदी की ओर से यह जारी किया गया है। जिसमें सभी अधिकारी और कर्मचारियों से अपील की गई है कि चिकित्सकों के अनुसार उक्त बीमारी का इलाज एकमात्र जोलगेंसमा नामक इंजक्शन है। जिसकी कीमत लगभग साढ़े सत्रह करोड़ रुपए है।
जो की बच्चे के परिवार की आर्थिक क्षमताओं से परे है। बच्चे का उक्त इंजेक्शन 24 माह तक ही लगाया जाना है। इस प्रकार बच्चे के पास अब इंजेक्शन लगाने के लिए सिर्फ एक महीने का समय बचा है। अर्जुन की मां पूनम जागिड़ का कहना है कि अर्जुन जब चार पांच महीने का था तब से उसमें यह प्रॉब्लम शुरू हुई। जो धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। अब सिर्फ अर्जुन के पास करीब दो महीने का समय बचा है। ऐसे में घर के हालात भी बिगड़ चुके हैं। हर समय दादा—दादी व खुद माता—पिता रोते रहते हंै। पिता पंकज जांगिड़ ने बताया कि उन्हें मदद मिल रही है। उनके पास अब तक करीब चार से पांच करोड़ की मदद हो चुकी है। लेकिन अब अर्जुन के पास समय कम है और राशि की जरूरत ज्यादा है। ऐसे में साढ़े सत्रह करोड़ रुपए की जरूरत है।
अगर समय पर व्यवस्था हो जाएं तो अर्जुन की जिंदगी बच सकती है। इस संबंध में पंकज जांगिड़ 8447735522 (पिता) पूनम जांगीड़ सहायक प्रयोगशाला सहायक 8905554522 (माता) रामजीलाल जांगिड़ (9460838996 दादा) परिवार के सदस्यों से बात करना चाहें तो कर सकते हैं। दिए गए क्यूआर कोड पर भी सहायता राशि भेज सकते हैं। छोटी-से-छोटी मदद भी अर्जुन की जान बचा सकती है।