तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा…
सनातन का बिगुल बजा रहे बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिया नारा-
बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फिलहाल काफी चर्चा में हैं। अब उन्होंने हिंदू राष्ट्र को लेकर एक चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है। प्रयागराज में उन्होंने अपने संबोधन में कहा, अगर हम सब साथ हों तो भारत हिंदू राष्ट्र होगा। उन्होंने ये भी कहा कि अब हिंदू राष्ट्र का बिगुल बजा दो. आओ जातिवाद को तोड़कर हम सब हिंदू एक हों। धीरेंद्र शास्त्री ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बिना उन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश को कायरों, कपटियों और क्रूर लोगों से बड़ा खतरा है। ऐसे लोग धर्म और देश दोनों का नुकसान करते हैं। हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर सफाई देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘मैं ना तो राजनेता हूं ना राजनीति करता हूं और ना ही मीडिया में जगह पाने के लिए हिंदू राष्ट्र की बात कर रहा हूं…मैं यहां से सिर्फ और सिर्फ एक ही प्रार्थना कर रहा हूं। यह प्रार्थना हिंदू राष्ट्र के लिए है.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर नागपुर की एक अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था। समिति के संयोजक का कहना था कि धीरेंद्र शास्त्री चमत्कार करने का दावा करते हैं और लोगों में अंधविश्वास फैलाते हैं। इस पूरे मामले में शास्त्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई, लेकिन पुलिस को धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कुछ नहीं मिला और उन्हें क्लीन चिट दे दी गई थी। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री लगातार अपने बयानों के लिए विवादों में रहे. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई कांग्रेस नेताओं ने उनको चैंलेज तक दे डाला। इसके बाद उनके गुरु रामभद्राचार्य ने धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन किया। उन्होंने कहा, मेरा शिष्य बहुत योग्य लड़का है. अच्छा काम कर रहा है. चरित्रवान है. उसकी लोकप्रियता को लोग पचा नहीं पा रहे हैं।
हिंदू राष्ट्र को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने पहली बार बयान नहीं दिया है। धीरेंद्र शास्त्री कई बार मंचों से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर चुके हैं। कुछ दिन पहले ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था, नेताजी ने नारा दिया था तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। आज मैं एक नारा दे रहा हूं, तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा.।
धीरेंद्र शास्त्री ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी रामकथा वाचन की बात कही। धीरेंद्र शास्त्री बोले, हमने बहुत पहले ही पाकिस्तान में रामकथा की घोषणा की थी। अगर वहां लोग तैयारी कर रहे हैं और हमें बुलाते हैं तो हम तो वहां राम कथा करेंगे। उन्होंने अपने हास-परिहास के अंदाज में आगे कहा, बहुत जोरदार कथा करेंगे, जिसके बाद बहुत से पाकिस्तानी भारत में आ जाएंगे, चिंता मत करो। रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा, यह घोर निंदनीय कृत्य है। इस पर हमारा यही कहना है, इसके पीछे लंबी साजिश है, जो तथा कथित लोगों के द्वारा की गई है।
आपके वैचारिक भेद हैं तो ठीक हैं। अपनी बात बोल सकते हैं, पर किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकते। आपको यह अधिकार नहीं है, हम वाणी से बोल सकते हैं, अपनी बात बोल सकते हैं। हमारा इतिहास है, आज तक हमने किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं बोला, लेकिन अपने धर्म के पक्ष में बोला। रामचरितमानस के साथ जो किया गया, वह निंदनीय है और इसे देखने वाले भी निंदनीय हैं। इसलिए हमने प्रत्येक सनातनी से प्रार्थना की है कि इनको तो मजा चखाना पड़ेगा।
पूरे देश का संत समाज धीरेंद्र शास्त्री के साथ
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कभी चमत्कार करने का दावा नहीं किया। वे सामान्य कथा वाचक हैं और हनुमान जी का ध्यान करते हैं। उन्होंने हनुमान चालीसा के पाठ के द्वारा जो संकट दूर होने और आत्मविश्वास हासिल होने की बातें कही हैं, ये शास्त्र सम्मत हैं। उपनिषदों-पुराणों में भी आगम-निगम की व्याख्याएं की गई हैं। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने खुलकर धर्मांतरण का विरोध किया है, वे धर्मांतरित ईसाइयों को वापस हिंदू धर्म में लाने में सफल हो रहे हैं। अब तक वे हजारों धर्मांतरित ईसाइयों को हिंदू धर्म में वापसी करा चुके हैं और उन्होंने आगे भी यह काम जारी रखने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय संत समाज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ खुलकर खड़ा है।
आचार्य शैलेश शास्त्री ने कहा कि इस देश और समाज में हमेशा से संतों-महात्माओं को सम्मान मिलता रहा है। उनके प्रति कोई गलत बात होने पर समाज में उसके विपरीत प्रतिक्रिया भी होती रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह देखा जा रहा था कि संतों के चोले के पीछे छिपकर कई गलत विचार वाले लोगों ने इसका दुरूपयोग किया। इससे समाज में संतों के प्रति सम्मान में कमी भी देखी गई। उन्होंने कहा कि पूर्व में संत परंपरा में अखाड़े हुआ करते थे, जो देश-समाज और धर्म के हितों के लिए विधर्मियों से लड़ाई लड़ते थे। इसके कारण समाज में उनका विशेष सम्मान बना रहता था, लेकिन जब संतों ने भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया, तब समाज में उनके प्रति सम्मान में भी कमी आ गई।
हालांकि, जिस तरह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदुओं के हितों की बात उठानी शुरू की है, उन्होंने ईसाइयों के द्वारा धर्मांतरण किए जाने के मुद्दे पर गंभीरता से विरोध किया है, उसी का प्रभाव है कि आज चारों ओर से उनके समर्थन में लोग खड़े हो गए हैं। यह पुरानी संत परंपरा को स्थापित करता दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश में हिंदुत्व की राजनीति में उभार आने और सोशल मीडिया में इसका बहुत ज्यादा असर होने के कारण भी धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में लोग खड़े हो गए हैं। धीरेंद्र शास्त्री ने भी कहा है कि उन्होंने इसाइयों के द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण का विरोध किया है, यही कारण है कि उनका विरोध हो रहा है। चूंकि, बागेश्वर धाम सरकार ने स्वयं एक वीडियो जारी कर इस लड़ाई को और ज्यादा आगे ले जाने की बात कही है, माना जा रहा है कि यह मामला और ज्यादा तूल पकड़ सकता है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इस कारण पर मामले पर राजनीतिक लोगों के बयान भी आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह मामला और ज्यादा गरमा सकता है।