जीतो : पावर ऑफ मंत्र कार्यक्रम आयोजित, त्याग व मंत्र साधना की महत्ता बताई

प्रबल आस्था के साथ मंत्र का चयन, शुद्ध उच्चारण व अर्थ की जानकारी बेहद आवश्यक : समणी मधुरप्रज्ञाजी
बीकानेर। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जीतो) द्वारा शुक्रवार को हंशा गेस्ट हाउस में समणी नियोजिका मधुरप्रज्ञाजी के सान्निध्य में पावर ऑफ मंत्र कार्यक्रम आयोजित किया गया। जीतो सैक्रेट्री रजनी नाहटा ने बताया कि जीतो की चैयरपर्सन ममता रांका ने पावर ऑफ मंत्र कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए त्याग के साथ मंत्र साधना का महत्व बताया। मुख्य वक्ता समणी नियोजिका मधुरप्रज्ञाजी ने कहा कि मंत्र शब्दों की संयोजना है। योजक व्यक्ति कुशल रसायन शास्त्री की तरह उचित संयोजन कर शब्दों को उपयोगी बना देता है। उन्होंने भक्तामर स्तोत्र, कल्याण मंदिर, उवसहगरं आदि स्तोत्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि रचनाकार ने इनके एक-एक शब्द को इस प्रकार पिरोया है कि प्रत्येक शब्द संकटमोचक है।
उन्होंने कहा मंत्र साधने के लिए न सिफऱ् क्यों, कब, कैसे की जानकारी आवश्यक है बल्कि मंत्र का चयन, शुद्ध उच्चारण, अर्थ की जानकारी भी आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण आस्था का प्रबल होना है। कोई भी मंत्र सिद्धि के लिए स्थान, समय का भी महत्त्व है। उनके उपयुक्त चयन से शुभ परमाणु आकर्षित होते हैं और आभामंडल पवित्र बनता है। जीवन में तेजस्विता, गंभीरता, सहिष्णुता, समता का विकास होता है। मंत्र की आराधना लौकिक एवं लोकोत्तर दोनों के लिए की जाती है। समणीश्रीजी ने कहा कि जैन धर्म में नमस्कार महामंत्र, लोगस्स, णमुत्थणं बीज मंत्र है। आभार ज्ञापन आर्ट एंड कल्चर कन्वीनर अल्का डागा ने किया।
