सैनिक की मौत पर बवाल, धरने पर बैठे परिजनों ने रखी ये मांगें
बीकानेर। राजस्थान के बीकानेर में सैनिक की मौत पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और परिवार ने शव लेने से इनकार किया है। परिजन ने सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग रखी है। दरअसल, नोखा उपखण्ड के पांचू निवासी भारतीय सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां की जम्मू-कश्मीर में गोली लगने से मौत हो गई। घटना के समय जवान ड्यूटी पर था। सेना ने बुधवार (25 सितंबर) को शव जम्मू-कश्मीर से बीकानेर भेजा। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यश राठौड़ (सेवानिवृत) ने जिला कलक्टर को भेजे पत्र में बताया कि सैनिक रामस्वरूप निवासी पांचू की मृत्यु फिजिकल कैजुअल्टी का केस है। बैटल कैजुअल्टी (शहीद) का केस नहीं है।
इस संबंध में सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है। रामस्वरूप के भाई ने बताया कि रामस्वरूप की मौत के समय वह ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर में था। परिवार की सरकार से मांग है कि रामस्वरूप को शहीद का दर्जा और केन्द्र सरकार की ओर से शहीद के अनुरूप सभी लाभ दिए जाएं। शहीद के नाम पर सड़क का नामाकरण करने, पांचू पंचायत समिति में शहीद स्मारक बनाने समेत कई मांग रखी हैं।
ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे किया जाम
ग्रामीणों ने म्यूजियम सर्किल के पास नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। जिससे बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। यातायात पुलिस ने जिला परिषद के पास से वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया। अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर, एसडीएम, अतिरिक्त पुलिस अधिकारी ग्रामीणों से वार्ता करने मौके पर पहुंचे। शहीद का दर्जा देने की मांग पर कोई आश्वासन नहीं दे सका।
नोखा विधायक सुशीला डूडी और श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक गिरधारी महिया, कांग्रेस नेता शिवलाल गोदारा भी पहुंच गए। परिवार ने कहा कि जब तक शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा और खुदकुशी बताने वाले जिला सैनिक अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शव नहीं लिया जाएगा।