हजारों विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने वाले बीकानेर के गौरव हैं : डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली
बीकानेर। बीकानेर शहर अपनी लोक-संस्कृति, साहित्य व शैक्षणिक क्षमताओं के कारण समूचे देश में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। इसी तरह डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली जैसी शख्सियत भी बीकानेर का गौरव बढ़ाती है। डॉ. श्रीमाली ने अपने सरल व मृदु व्यवहार से शैक्षिणक क्षेत्र में अपनी गहरी पैठ बनाई है तथा एकाग्रचित्त व दृढ़ निश्चय व मेहनत के बल पर कई ऐसे कार्यो को सम्पादित किया है, जिनसे विद्यार्थी वर्ग को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है। श्रीमाली ने 9 विषयों में स्नात्तकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर शोध के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित किए। अब तक 14 विद्यार्थियों को शोध निदेशक के रूप में कार्य करते हुए पीएच.डी. की डिग्री प्रदान करवाई।
धार्मिक परिवेश में पले बढ़े डॉ. श्रीमाली पूर्णतया भगवान में आस्था रखते हैं तथा कर्म को जीवन का सिद्धान्त मानते हैं। डॉ. श्रीमाली बीकानेर सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों में अनेक कॅरिअर सेमिनारों के माध्यम से युवाओं का मार्गदर्शन करते हैं। अब तक 200 कॅरिअर सेमिनार के माध्यम से हजारों विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर चुके हंै। इसी उपलब्धि ने डॉ. सीएस श्रीमाली को नेशनल कॅरियर मार्गदर्शक के रूप में ख्याति दिलाई है। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से भी सामाजिक कार्यो को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया।
एनएसएस में स्वेच्छा से की गई सेवाओं को मान्यता देने के लिए भारत सरकार के युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय द्वारा वर्ष 2003 में श्रीमाली को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। कॉलेज शिक्षा निदेशालय, राजस्थान सरकार द्वारा भी श्रीमाली को उल्लेखनीय कार्यों के लिये सम्मानित किया गया। इसके अलावा वर्ष 2015 में आईआईईएम नई दिल्ली द्वारा उच्च शिक्षा में किए उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘भारत विद्या शिरोमणी अवार्डÓ से नवाजा गया साथ ही जीटीएफ ने नई दिल्ली में ‘पॉजिटिव कॅरियर लीडर अर्वाडÓ से भी 14 जुलाई 2018 को सम्मानित किया। डॉ. श्रीमाली ने अपने कुशल नेतृत्व में अब तक 9 राष्ट्रीयय सेमिनारों के आयोजन व राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों, कार्यक्रमों में भी मरूशहर का प्रतिनिधत्व करते हुए बीकानेर का गौरव बढ़ाया।
डॉ. श्रीमाली महाराज गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर में बोर्ड ऑफ स्टडीज कॉमर्स में भी बोर्ड मेम्बर रह चुके हैं साथ ही विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में आपकी दो पुस्तकें भी कॉमर्स संकाय में संचालित हो रही है। आपके संपादन में आईएसएसएन नंबर से 2 जर्नल का प्रकाशन पिछले 8 वर्षो से किया जा रहा है। उच्च शिक्षा में 20 वर्षो के अध्यापन का अनुभव रखने वाले डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने 9 वर्ष सेसोमंू गल्र्स कॉलेज में प्रिसिंपल के पद पर कार्य किया तथा ऑल इंडिया प्रिसिंपल्स एसोसिएशन के राजस्थान अध्यक्ष भी रहे। डॉ. श्रीमाली को अनेक राजकीय व गैर राजकीय संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा सूक्ष्म लेखन में महारथ हासिल कर रखी है। डॉ. श्रीमाली ने एक पोस्टकार्ड के एक भाग पर 50 हजार से अधिक सूक्ष्म राम शब्द लेखन कर लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करावाया। डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली के इन उपलिब्धयों व सराहनीय कार्य से श्रीमाली समाज व बीकानेर को नाज है।