फिर पिघला शिवलिंग, 22 फुट का हिमलिंग 1 फुट का रह गया
अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों को एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ सकता है। 45 किमी की दुर्गम पैदल यात्रा करने के बाद भी उन्हें 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में हिमलिंग के पूर्ण रूप में दर्शन नहीं हों तो मन मसोस कर ही रहना पड़ सकता है। यात्रा से वापस लौटने वालों के अनुसार, बढ़ती भीड़ की वजह से हिमलिंग गर्मी से पिघलता गया और इस बार पहले ही सप्ताह में यह मात्र एक फुट का रह गया है। पिछले साल यह 24 जुलाई को ही पूरी तरह से पिघल गया था। ‘हर हर महादेव’, ‘बम बम भोले’ और ‘जयकारा वीर बजरंगी’ के नारों के बीच शून्य तापमान तथा प्रकृति की आंख मिचौली के बीच अमरनाथ गुफा में हिम से बनने वाले शिवलिंग के दर्शन करने वालों में एक बार फिर शिविलिंग का आकार चर्चा का विषय तो बनने ही लगा है निराशा का कारण भी। यात्रा के दो सौ सालों के इतिहास में यह लगातार 22वां वर्ष है जब 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित 60 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी तथा 15 फुट गहरी इस गुफा में बर्फ से बनने वाले लिंग, जिसे शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है, का आकार श्रद्धालुओं की संख्या के बढऩे के साथ ही घटने लगा था। इस बार 30 जून को इसकी ऊंचाई करीब 18 से 20 फीट के बीच थी।
बताया जा रहा है कि 30 जून को यात्रा के आरंभ होने से पूर्व यह अपने पूर्ण आकार में 22 फीट के करीब था। हालांकि भगवान में अधिक आस्था रखने वाले इसे भगवान की माया कहते तो विज्ञान में विश्वास रखने वाले इसे वैज्ञानिक कारण मानते हैं। इस परिवर्तन के लिए चाहे कोई भी कारण बताया जा रहा हो लेकिन तात्कालिक कारण सबको यही लग रहा है कि हिमलिंग के दर्शन करने वालों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। परिणाम हजारों भक्तों तथा उनके हाथों की गर्मी भी हिमलिंग को पिघला रही है। भक्तों की संख्या कितनी है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रा में 7 दिनों में डेढ़ लाख श्रद्धालु शामिल हो चुके हैं।