तीन दिन तक अटका रहा मासूम के फेफड़ों में घड़ी का सेल
खेल-खेल में 6 साल के बच्चे ने घड़ी का सेल निगल लिया। सेल सांस की नली से होते हुए फेफड़ों में जाकर अटक गया। उसे सांस लेने में तकलीफ हुई तो माता-पिता ने सीटी-स्कैन करवाया था। इसके बाद मालूम चला कि सेल राइट साइड के फेफड़े में जाकर फंसा है। शुक्रवार को दूरबीन की मदद से डॉक्टरों ने 2 मिनट में यह सेल निकाल लिया। डॉक्टरों ने बताया कि सेल 3 दिन से बच्चे के शरीर में था ऐसे में, उसके शरीर में मौजूद लिक्विड में मिलने से जहर फैलने की संभावना थी। ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज कोटा में ईएनटी विभाग के एचओडी डॉ. शिव कुमार की अगुवाई में डॉ. कुलदीप राणा, डॉ. शुभम व एनेस्थीसिया टीम से डॉक्टर देव राज ने किया।
डॉ. शिव कुमार ने बताया- गुरुवार शाम को एमपी के श्योपुर निवासी सावन (6) को परिजन एमबीएस हॉस्पिटल लाए थे। उसका एक्सरे व सीटी स्कैन करवाया तो फेफड़े में राइट साइड पर घड़ी का सेल फंसा होने का पता लगा। यह सेल 1 बाई 1 सेंटीमीटर का था इसकी थिकनेस (मोटाई) 0.5 मिलीमीटर थी। सभी जरूरी जांचों के बाद शुक्रवार सुबह बच्चे का ऑपरेशन किया गया। मुंह से दूरबीन की मदद से श्वास नली से सेल को बाहर निकाला। डॉ. शिव कुमार ने बताया कि इस प्रक्रिया में बच्चों को बेहोश किया फिर दूरबीन डालकर सेल को बाहर निकाला। इस प्रोसेस में डेढ़ से दो मिनट का वक्त लगा। ऑपरेशन जल्द से जल्द करना जरूरी था। इसकी वजह सेल किसी पानी के कांटेक्ट में आता है तो उसमें से केमिकल निकलने लग जाते हैं। वह केमिकल फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते थे। अगर वो खाने की नली में फंस जाए तो नुकसान कर सकता है। सेल से निकलने वाला टॉक्सिन शरीर में फैलने से जहर भी फैल सकता है। इसको तुरंत निकालना जरूरी होता है। खाने की नली में सेल फंसने के काफी मामले आए हैं। सांस की नली में सेल फंसने का मामला पहली बार सामने आया है।