टैक्स छूट, यूपीएस और नई पेंशन स्कीम से मिली बड़ी राहत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए कार्यकाल के पहले 100 दिन में केंद्र सरकार ने टैक्स छूट और सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लाकर मध्यम वर्गीय लोगों को बड़ी राहत दी है। जुलाई में पेश किए गए आम बजट 2024 में नई टैक्स रिजीम के तहत 10 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। नौकरीपेशा लोगों को राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया। फैमिली पेंशन की सीमा को बढ़ाकर 25,000 कर दिया गया। केंद्र सरकार की ओर से टैक्स सिस्टम को सरल बनाए जाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। बजट के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया था कि अगले कुछ महीनों में नया इनकम टैक्स एक्ट आएगा। नए इनकम टैक्स एक्ट में नियमों के सरलीकरण को महत्व दिया जाएगा।
इससे टैक्स मुकदमेबाजी में कमी आएगी। वित्त मंत्री के मुताबिक, आईटीआर जमा करने वाले कुल लोगों में से 72 प्रतिशत ने नई इनकम टैक्स रिजीम को चुना है। असेसमेंट ईयर 2024-25 में 7.28 करोड़ आईटीआर जमा किए जा चुके हैं। बीते एक दशक में आईटीआर प्रोसेसिंग के समय में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। वित्त मंत्री सीतारमण के मुताबिक, अब आईटीआर प्रोसेस होने का औसत समय घटकर 10 दिन रह गया है, जो कि 2013 में 93 दिन था। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दी गई है। इस स्कीम को एक अप्रैल, 2025 से लागू किया जाएगा। यूपीएस के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) और नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) दोनों में से कोई एक पेंशन स्कीम को चुन सकते हैं। राज्य सरकारें, ओल्ड पेंशन स्कीम के साथ तीनों में से कोई भी विकल्प अपने कर्मचारियों के लिए चुन सकती हैं।