महाकुम्भ में भगदड़ : महंगी पड़ी आस्था की डुबकी
बुधवार को मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में संगमतट पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचे। ऐसे में भीड़ का दबाव अधिक होने से संगम नोज के पास भगदड़ मच गई, जिसमें कुछ श्रद्धालु हताहत हुए है। बड़ी संख्या में लोग लोग चोटिल हुए है और कुछ के मौत की सूचना है। परिवार वाले अपने लोगों को एंबुलेंस में लेकर कुंभ मेले के अस्थायी अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं। अस्पताल पहुंचे कुछ श्रद्धालु दुखी भी हैं कि उनके परिवार का सदस्य दुनिया छोड़कर चला गया है। हालांकि मेला प्रशासन की तरफ से अभी तक मृतकों की अधिकारिक फिगर जारी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक 30 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत की सूचना है और ८0 से ज्यादा लोग घायल हैं। सूत्रों के मुताबिक स्वरूपा रानी नेहरू अस्पताल 14 शव लायें गए है, अस्पताल में अपनों को ढूंढते परिजन पहुंच रहें है, अस्पताल में बड़ी संख्या में लोगों का जमघट लग गया है। कुंभ में आए श्रृद्धालुओं का कहना है कि भीड़ अधिक थी, स्नान की होड़ लग गई, पीछे से धक्का आया और लोग एक के ऊपर एक गिर गये, जिससे उनका दम घुट गया। भगदड़ के बाद सभी 13 अखाड़ों ने निर्णय लिया है कि वह आज संगमस्नान नहीं करेंगे। भगदड़ की दुखद घटना से आहत हैं।
वह लोग चाहते हंै कि घायलों को बेहतर उपचार मिले। महाकुंभ में स्नान करने आयें श्रृद्धालुओं को भगदड़ के बाद रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर ही रोक दिया गया है। प्रयागराज जंक्शन पर पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। जीआरपी के जवानों की संख्या स्टेशन पर बढ़ाई गई है और सभी जवान स्नान करने आये भक्तों को समझा रहे है कि भीड़ बहुत है, इसलिए यही विश्राम करें, दबाव कम होने के बाद संगम में डुबकी लगायें। प्रश्न यह है कि 10 करोड़ से अधिक लोगों का अनुमान मेला प्रशासन पहले ही लगा रहा था, ऐसे में किस स्तर पर लापरवाही रही कि भीड़ एक साथ स्नान के लिए तट पर पहुंच गई। यह जांच के बाद ही साफ हो पायेगा। प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालु ने बताया कि भगदड़ के दौरान महिलाएं भीड़ के नीचे फंस गईं और उठ नहीं पा रही थीं। उन्होंने कहा, मैं किसी तरह बाहर निकला और फिर अपने परिवार को बचाने की कोशिश की।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
ऐसे मची भगदड़
अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इक_ा होती चली गई। इससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई। संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए। हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर हृस्त्र कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई।