सादुल क्लब में 14 राज्यों के हैंडलूम्स की छायी बहार, 23 दिवसीय शॉपिंग फेस्टिवल का हुआ आगाज… देखें वीडियो
उच्च क्वालिटी व किफायती दरों पर घरेलू उत्पाद करवाना प्रमुख उद्देश्य : योगेन्द्र सिंह
सिल्क ऑफ इण्डिया की 50 स्टालों में मिले रहे बेहतरीन उत्पाद
बीकानेर। सिल्क ऑफ इण्डिया की ओर से सादुल क्लब ग्राउंड में 23 दिवसीय सिल्क ऑफ इंडिया शॉपिंग फेस्टिवल प्रारम्भ हुआ। जिसमें देश के विभिन्न प्रान्तों के प्रसिद्ध आइटमों की 50 स्टॉल लगायी गई है। प्रदर्शनी 4 फरवरी, 2024 तक चलेगी। सिल्क ऑफ इण्डिया के संस्थापक- योगेन्द्र सिंह (पिन्टू) ने बताया कि प्रदर्शनी में भारत के दस राज्यों के उत्पादों को एक स्थान पर लाकर हेण्डलूम के अलावा अन्य विभिन्न प्रकार के उत्पादों को जनता को उपलब्ध कराये जायेंगे।
सादुल क्लब में आयोजित सिल्क ऑफ इण्डिया शॉपिंग फेस्टिवल सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलेगा। जिसमें देश के नामी हस्तशिल्पियों ने अपने अपने राज्यों के पारम्परिक हैंडलूम्स को आधुनिक समय की मांग को दृष्टिगत रखते हुए डिजाइन किया है जो कि युवा वर्ग के पसन्दीदा उत्पाद उपलब्ध होंगे।ये उत्पाद है खासमीडिया प्रभारी श्याम सिंह नरूका ने बताया कि प्रदर्शनी में सिल्क व कॉटन साड़ी सूट, डिजायनर साड़ी, प्रिंटेड व ब्लॉक खड़ी, उपाडा, पेठानी साड़ी, कलमकारी व कान्था बर्क, पटोला, बनारसी साड़ी, हेन्डलूम डिजायनर कुर्ती, कश्मीर आर्ट, हेण्डीक्राफ्ट्स के आकर्षक आइटम, कोलकाता बुटिक साड़ी, सूट, बिहार के भागलपुर के ब्लॉक प्रिन्टेड साड़ी मूंगा छतीसगढ़ टसर सिल्क के उत्पाद के अलावा प्रदर्शनी में चाय, कॉॅफी, नमकीन के स्टॉल भी उपलब्ध होंगे। उत्तर प्रदेश के झांसी, मेरठ, कोलकाता, खुर्जा, भदोही, सहारनपुर के उत्पाद शामिल है। जिसमें सोल, साड़ी, सूट्स, फैशन ज्वैलरी, होम फर्निशिंग, ब्रास के आर्टिकल्स, कुर्ते, कुर्तियां, खादी के शर्ट, ड्रेस मैटिरियल, फर्नीचर और क्रॉकरी की नित नयी डिजाइनें देखने को मिलेगी। इसके अलावा प्रदर्शनों में कलकत्ती साड़ी और टॉप, चनाररंग सिल्क साड़ी और ड्रेस मेटिरियल, मेरठ को खादी टॉप एंड सर्ट, कश्मीरी टॉप एंड कुर्तों, भदोई के प्रसिद्ध कारपेट्स, दिल्ली के तांग स्कर्ट्स, लखनवी चिकन, बिहार, भागलपुरी और उत्तर प्रदेश के हैंडमेड फर्नीचर, क्रॉकरी, ग्राम मैटिरियल, पंजाब की फुलकारी, कांजीवरम की साडिय़ां और तरह-तरह के हैंडमेड पर्स सहित अनेको उत्पाद ऐसे हैं जो शहर के लोगों की पहली पसन्द बनेंंगे। उन्होंने बताया कि बाजार में कोरोना से हताश हस्तशिल्पियों के प्रोत्साहन के लिए मेला आयोजित किया गया।