राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज के जन्मदिन पर हुए पर्यावरण, गौसेवा और जरुरतमंदों की सहायता के सेवा कार्य
रोजाना एक सेवा का कार्य अवश्य करें, किसी अहित सोचना भी अपराध : श्रीसरजूदासजी महाराज
बीकानेर। बीकानेर में धर्म की ध्वजा को निरन्तर फहराने वाले, सनातन धर्म और गौरक्षा के लिए सदैव अग्रणी रहने वाले राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज का जन्मदिवस सेवा कार्यों के साथ मनाया गया। अनेक सामाजिक संगठनों, संस्थाओं व युवाओं ने सेवा कार्य कर श्रीसरजूदासजी महाराज का जन्मदिन मनाया। सुजानदेसर स्थित रामझरोखा कैलाशधाम में दोपहर में आयोजित अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित करते हुए श्रीसरजूदासजी महाराज ने कहा कि कोई भी विशेष अवसर हो, विशेष दिवस हो तो पर्यावरण, गौसेवा और जरुरतमंदों की सहायता का कार्य अवश्य करना चाहिए। श्रीसरजूदासजी महाराज ने कहा कि हर व्यक्ति का यह प्रयास रहे कि रोजाना एक सुकार्य ऐसा करे पर्यावरण, गौसेवा अथवा जरुरतमंद की सहायता से जुड़ा हुआ हो और एक नोटबुक में दिनांक के साथ उस सेवा कार्य को अंकित करें, ताकि आपका सेवा का क्रम बना रहे और उत्साह भी जागृत रहे।
सेवा कार्य के लिए धन की नहीं मन की शक्ति का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि आप सेवा कार्य भी नहीं कर सकें तो कोई बात नहीं, लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि आपकी वजह से किसी को कोई हानि न पहुंचे, किसी का दिल न दुखे और किसी का अहित न हो
यदि हर व्यक्ति इन विचारों के साथ जीवन जीए तो निश्चित रूप से वह सुखी रहेगा। महंत भगवानदासजी ने बताया कि श्रीसरजूदासजी महाराज ने सुबह भोले बाबा का अभिषेक किया और श्री सियारामजी गुरु महाराज का पूजन व आरती की।
इसके बाद सियाराम गौशाला में गौपूजन किया तथा श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर में ठाकुरजी के दर्शन किए। श्रीलक्ष्मीनाथजी गौशाला, गोचर गौशाला में तथा पूगल रोड स्थित गंगा जुबली पिंजरापोल में गौसेवा के कार्य किए। इसके पश्चात् अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, अपनाघर आश्रम में भोजन और अन्य सामग्री वितरित की गई। शाम को सुजानदेसर स्थित काली माता मंदिर के पीछे वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। शाम को सामूहिक सुंदरकांड के पाठ व महाप्रसादी का आयोजन किया गया। इससे पहले अखिल भारतीय संत संतति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचंददासजी महाराज, राष्ट्रीय महामंत्री जितेन्द्रानंदजी महाराज, महंत श्रीदीनबन्धनाथजी महाराज, महंत बालकनाथजी महाराज, योगी सूरजनाथजी महाराज, योगी विलासनाथजी महाराज, ओमनाथजी महाराज, विमर्शानंदगिरिजी महाराज एवं बालसंत श्रीछैलविहारीजी महाराज ने शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उद्योगपति अरुण मोदी, अशोक मोदी, श्रीभगवान अग्रवाल, जुगल राठी, गौसेवी देवकिशन चांडक, शिवम डवलपर्स के डायरेक्टर मानसिंह नरुका, कम्यूनिटी वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष कन्हैयालाल भाटी, संरक्षक राजकुमार किराड़ू, श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर पुजारी मुन्ना सेवग, सीताराम कच्छावा सहित अनेकजनों ने महाराज का अभिनन्दन किया।
मात्र 8 वर्षों में बन गए बीकानेरवासियों के चहेते
विगत वर्ष जगद्गुरु रामभद्राचार्यजी महाराज द्वारा प्रदत्त राष्ट्रीय संत की उपाधि मिलने के साथ ही संत समाज के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले श्रीसरजूदासजी महाराज सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए रामझरोखा कैलाशधाम में नित्य हवन का आयोजन होता है। इसके साथ ही बच्चों के लिए संस्कार शिविर का भी आयोजन करते हैं। गौरतलब है कि श्रीसरजूदासजी महाराज को नौ वर्ष की उम्र में संतों का सान्निध्य मिल गया। अधिकतर समय मथुरा में बिताने वाले महंत सरजूदासजी ने श्रीश्री 108 श्री श्यामदासजी महात्यागी से दीक्षा ली तथा वृन्दावन विद्यालय के गुरुकुल से शिक्षा ग्रहण की। उज्जैन महाकुंभ में महामंडलेश्वर पद पर विराजित सरजूदासजी ने 2016 में तथा 2017 में रामझरोखा कैलाश धाम के महंत पद की गद्दी संभाली। मात्र आठ वर्ष में ही बीकानेरवासियों के चहेते बने श्रीसरजूदासजी महाराज का अधिकतम समय सेवा कार्यों में ही व्यतीत होता है। गुरु रामदासजी महाराज के शिष्य श्रीसरजूदासजी महाराज ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने महाकुम्भ में पहली बार बीकानेर का अखाड़ा लगाया था। इसके साथ ही नर्मदा तीर्थ में अन्नक्षेत्र भी निरन्तर जारी है।