जरूर करें श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ, बरसेगी भोलेनाथ की कृपा
हिंदू-देवी देवताओं में भगवान शिव शंकर को सबसे सर्वोच्च माना गया है। इनकी पूजा-आराधना करने से भक्तों के जीवन में कभी किसी भी प्रकार के सुखों की कमी नहीं रहती है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए व्रत रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं। यदि आप शिव जी को जल्द प्रसन्न करना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन श्री शिव रूद्राष्टकम का पाठ करें। शिव रुद्राष्टकम अपने-आप में अद्भुत स्तुति है।
इसके पाठ से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यदि आप शत्रु से परेशान हैं तो शिवरात्रि के दिन किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर रुद्राष्टकम स्तुति का पाठ करें। ऐसा करने से शिवजी बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश पलभर में करते हैं। कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने भी अपने सबसे बड़े शत्रु रावण पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर रूद्राष्टकम स्तुति का पाठ किया था, जिसके परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण पर उन्होंने विजय प्राप्त कर ली थी।
शिव रुद्राष्टकम पाठ
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्
निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागारसंसारपारं नतोहम्
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्र्य:शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
न यावद् उमानाथपादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदु:खौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो