पितरों को करें तृप्त, घर में सुखों की होगी वर्षा
पंडित गिरधारी पुरोहित सूरा के अनुसार श्राद्धपक्ष में हम पूर्वजों की मृत्यु तिथि के दिन तर्पण द्वारा आह्वान करना, ब्राह्मण देवताओं को अपने पूर्वज समझकर भोजन कराना ही श्राद्ध यज्ञ कहलाता है। पितरों की शांति के लिए ब्राह्मण और ब्राह्मणियों को भोजन व सुंदर वस्त्र और दक्षिणा देना चाहिए। पितर-पूर्वज इसी आशा में रहते हैं कि हमारे कुल में कोई ऐसा हो जो कि हमें हर तरह से तृप्त करे। पितर प्रसन्न हो जाएं तो घर में किसी बात की कमी नहीं रहती।
1 अक्टूबर 2023, रविवार का पंचांग एवं मुहुर्त
संवत् 2080, शाके 1945, माह : भाद्रपद
तिथि- द्वितीया, पक्ष- कृष्ण, नक्षत्र- अश्विनी, योग- व्याघात
करण- गर वणिज, चंद्र राशि- मेष, सूर्य राशि- कन्या
सूर्योदय 6:31, सूर्यास्त 6:31
राहुकाल : सायं 4:53 से सायं 6:22 बजे तक
अभिजीत मुहुर्त : दोपहर 12:03 से दोपहर 12:50 बजे तक
शुभ समय : सुबह 9:28 से दोपहर 12:26 बजे तक