रोज उठवा रे एक अनशनकारी, रांका फिर नया बिठाते, सरकार-मंत्री बेखबर
बीकानेर। ईसीबी के 18 कार्मिकों को पुन:नियुक्ति को लेकर गत दस दिनों से चल रहा आमरण अनशन अब काफी चर्चित मुद्दा बन गया है। पूर्व यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका के नेतृत्व में 6 फरवरी को शुरू हुए इस धरने पर पहले दिन नौ जनों ने अनशन शुरू किया था। दो दिन बाद से ही वहां मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर अनशनकारियों को उठाने का सिलसिला शुरू हो गया था। एकबारगी तो गहमागहमी दिखी, लेकिन पूर्व यूआईटी चैयरमेन ने भी संघर्ष की राह छोड़ी नहीं।
मेडिकल रिपोर्ट दिखाकर एक अनशनकारी को ले जाते हैं तो रांका तुरन्त ही दूसरे व्यक्ति को माला पहनाकर अनशन पर बिठा देते हैं। भाजपा नेता महावीर रांका ने बुधवार को धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार से अब आरपार की लड़ाई है। हार तब तक नहीं मानेंगे जब तक 18 कार्मिकों को नियुक्ति नहीं मिल जाती। मंत्री व प्रशासन कितने भी निर्दयी हो जाएं, कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करें लेकिन जनता की अदालत उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। पूर्व चैयरमेन रांका ने कहा कि मंत्री इसे वर्चस्व की लड़ाई मान रहे हैं जबकि हम केवल न्याय की रक्षा और कार्मिकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पूर्व पार्षद राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि बुधवार को अनशन पर बैठे आनन्द सोनी को अस्पताल भर्ती करवाया गया है अब उनके स्थान पर मदन सारड़ा बैठे हैं।
अनशनकारियों में अब पार्षद जितेन्द्र सिंह भाटी, मदन सारड़ा, रतनलाल जैपाल, लक्की पंवार व बिरजू प्यारे बैठे हैं। धरने को पूर्व जिलाध्यक्ष ओम आचार्य ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार को सुनना, दिखना व बोलना बंद हो चुका है। 10 दिनों से चल रहा है अनशन और सरकार बेखबर है। धरने पर एडवोकेट अविनाशचंद्र व्यास, ओमप्रकाश चांडक, श्रवणराम गोदारा, श्यामसुंदर बिश्नोई, देवचरण हड़मानराम जाट, कालू सैन, कैलाश, वीरेन्द्र सिंह, लक्ष्मणराम, जसराज, महेन्द्र कुमार, जीतू सिंह, बद्रीदास, राजकुमार, चंद्रनारायण, अर्जुनकुमार, अरविन्द कुमार, सुखराम जाट, चंदू, संतोष रूपेश कुमार, मधुसूदन शर्मा, शंभु गहलोत, गौरीशंकर देवड़ा, पंकज गहलोत, भगवतीप्रसाद गौड़, टेकचंद यादव आदि शामिल रहे।
भदौरिया ने भूख हड़ताल पर बैठने की दी चेतावनी
बुधवार को टीम सावधान इंडिया के दिनेश सिंह भदौरिया ने भाजपा नेता महावीर रांका की अगुआई में चल रहे अनशन को समर्थन दिया। भदौरिया ने कहा कि शीघ्र ही 18 कार्मिकों को ज्वाइनिंग दी जाए अन्यथा भूख हड़ताल पर बैठेंगे।