लोगों को धर्म-अध्यात्म के प्रति जागरुक करना ही संत-महात्माओं का कर्तव्य : श्रीसरजूदासजी महाराज

बीकानेर। महाकुम्भ प्रयागराज में ४० दिन तक बीकानेर खालसा लगाने के बाद बीकानेर पधारे राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज के अभिनन्दन का क्रम निरंतर जारी है। इसी शृंखला में सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश ओझा, पत्रकार रवि पुगलिया, उमाशंकर व्यास, पवन भोजक, जैनेन्द्र शर्मा, सुनीता भोजक, जागृति भोजक व प्रणव भोजक ने रामझरोखा कैलाशधाम में राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज का पुष्पहार व शॉल ओढ़ा कर अभिनन्दन किया। सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश ओझा ने बताया कि बीकानेर से लगभग एक हजार किमी दूर प्रयागराज में महाकुम्भ के अवसर पर ४० दिनों में लगभग डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं को नि:शुल्क भोजन, अल्पाहार व रहने की सुविधा प्रदान करने पर उपस्थितजनों द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज ने कहा कि १४४ वर्षों के संयोग से आए इस महाकुम्भ में हजारों-लाखों दुर्लभ संत-महात्माओं के दर्शनों का लाभ श्रद्धालुओं ने लिया। करीब ५५ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर पुण्य कमाया। श्रीसरजूदासजी महाराज ने कहा कि संत-महात्माओं का यह कर्तव्य है कि लोगों को धर्म का मार्ग दिखाए, सनातन धर्म के प्रति जागरुकता फैलाए। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु महाकुम्भ बीकानेर खालसा स्थापित कर श्रद्धालुओं को धर्मलाभ दिया गया।
