आज ही पढ़ें पूरे माह के व्रत और त्योहारों की जानकारी
जनवरी माह में मकर संक्रांति पर बहेगी दान-पुण्य की गंगा, पुत्रदा व षट्तिला एकादशी व्रत करेगा मनोकामना पूर्ण
साथियों अंग्रेजी नववर्ष की आप सबको शुभकामनाएं। जनवरी माह व्रत-त्योहारों के मद्देनजर काफी खास रहेगा। मकर संक्रांति, षट्तिल्ला एकादशी, पुत्रदा एकादशी एवं मौनी अमावस्य पर दान-पुण्य से धर्मलाभ कमा सकते हैं। 1 जनवरी से 31 जनवरी 2025 में विक्रम संवत् 2081 पौष सुदी 2 से माघ सुदी 2 तक रहेगा। यह अवधि परम शीतकाल की कही जाती है। आपको बता दें यह मलमास भी है, यानि 14 दिसम्बर को मलमास प्रारंभ हुआ जो 14 जनवरी सुबह 9:02 बजे यानि मकर संक्रांति के दिन मलमास समाप्त हो जाएगा।
पुष्य नक्षत्र : 14 जनवरी प्रात: 10:21 से प्रारंभ होगा तथा 15 जनवरी को प्रात: 10:32 बजे तक रहेगा। इस दिन खरीदारी अथवा कुछ भी नया कार्य करना शुभ है।
पंचक
3 जनवरी से 7 जनवरी तक रहेगा। इसके बाद पुन: 30 जनवरी से 3 फरवरी तक रहेगा। पंचक में छत का निर्माण नहीं करना चाहिए, चारपाई बनवाना भी अशुभ माना जाता है। पंचक में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
टॉप-10
6 जनवरी : गुरु गोविन्द सिंह जयंती
10 जनवरी : पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी : शनि प्रदोष व्रत
13 जनवरी : लोहिड़ी पर्व, पूर्णिमा व्रत
14 जनवरी : मकर संक्रांति, मलमास समाप्त
25 जनवरी : षट्तिल्ला एकादशी व्रत
27 जनवरी : सोम प्रदोष
29 जनवरी : मौनी अमावस्या
30 जनवरी : गुप्त नवरात्रि प्रारंभ
31 जनवरी : बाबा रामदेव बीज
10 जनवरी : पुत्रदा एकादशी व्रत
नए साल 2025 की पहली एकादशी बेहद खास है। 10 जनवरी को पौष महीने के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और तुलसी पूजन अवश्य करना चाहिए। पुत्रदा एकादशी 9 जनवरी दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर हो प्रारंभ तथा समापन 10 जनवरी को सुबह 10 बजकर 25 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी को ही रखा जाएगा। इस एकादशी को वैकुंठ एकादशी भी कहते हैं। पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डूगोपाल को पंचामृत से स्नान कराकर पंचोपचार विधि से पूजा करनी है। साथ ही लड्डूगोपाल का मनपसंद भोग अवश्य लगाएं. इसके बाद संतान गोपाल मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होंगे और मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करेंगे।
14 जनवरी : मकर संक्रांति
पंचांग के अनुसार इस बार 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व शीत ऋतु के खत्म होने और बसंत ऋतु के शुरुआत की सूचना देता है। जब सूर्य एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करता है, तो इसे संक्रांति कहते हैं और जब सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। 14 जनवरी 2025, मंगलवार के दिन भगवान सूर्य का सुबह 9 बजे मकर राशि पर प्रवेश होगा और मांगलिक कार्य फिर शुरू जाएंगे।
25 जनवरी : षट्तिल्ला एकादशी
शनिवार 25 जनवरी को षट्तिल्ला एकादशी व्रत रहेगा। इस दिन तिल के उपयोग तथा दान का बहुत महत्व माना गया है। भगवान श्री विष्णु का पूजन तिल से करने का महत्व है। नहाते समय जल में तिल मिलाकर स्नान करने से आरोग्य अच्छा रहता है तथा तिल का दान, हवन और तर्पण आदि करना चाहिए। इस दिन तिल का अधिक से अधिक उपयोग करने से पुण्य प्राप्त होता है। एकादशी व्रत घर में सुख-शांति व आरोग्य देने वाला माना गया है। अत: षटतिला एकादशी के दिन उपवास व हवन के साथ-साथ तिल का दान अवश्य करें।