राजस्थानी भाषा मुद्दे पर डॉ. कल्ला व राठौड़ में हुई बहस… देखें वीडियो
जयपुर। विधानसभा में गुरुवार को राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा की मान्यता देने की मांग फिर से गूंजी. उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गुरुवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा बनाने और राजस्थानी भाषा को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में जोडऩे की मांग की. इस पर मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि इसके लिए कमेटी बना दी है, जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से गहलोत सरकार से प्रदेश की 10 करोड़ जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राजस्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा देने की मांग की। इस पर शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता देने और संविधान की अनुसूची 8 में जोडऩे के लिए विधानसभा के सभी सदस्यों की ओर से सर्वसम्मति से वर्ष 2003 को संकल्प पारित किया गया था. उस संकल्प पत्र को केंद्र सरकार को भेजा गया था. इसके बाद 2009 से 2023 तक कई बार मुख्यमंत्री के स्तर पर पांच बार प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जा चुके हैं.
पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि 8वीं अनुसूची में जोडऩे की प्रक्रिया को पूरा किया जाए. कल्ला ने कहा कि प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास अभी विचाराधीन है. उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़, गोवा सहित अन्य 17 राज्य भाषा को लेकर संशोधन अधिनियम ला सकता है, तो फिर राजस्थान क्यों नहीं?, हम किसका इंतजार कर रहे हैं ? राठौड़ ने कहा कि कक्षा 11 से पीएचडी तक इस भाषा का उपयोग किया जा रहा है. इस भाषा को यूजीसी ने मान्यता दी है और इस भाषा में नीट की परीक्षा भी हो रही है. इसी भाषा में लक्ष्मी कुमारी चुंडावत को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए दलगत राजनीति से ऊपर सोच कर राज्य भाषा का दर्जा दें. राठौड़ ने बीडी कल्ला से कहा कि हमारी सरकार राज्य भाषा संशोधन बिल नहीं ला पाई, लेकिन आपसे उम्मीद है कि आर्टिकल 345 के तहत ऑफिशल लैंग्वेज 1956 में संशोधन लेकर आएं.
पुन: जवाब देते हुए डॉ. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए आठवीं सूची में जोडऩा होगा. इसके लिए केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को शामिल नहीं कर रही है. कल्ला ने कहा कि राज्य के 10 करोड़ लोगों की भावना है, फिर भी केंद्र सरकार यह कदम नहीं उठा रही है. कल्ला ने कहा कि सबको मिलकर मोदी सरकार पर दबाव बनाना चाहिए ताकि वो 8वीं सूची में जोड़ें. राज्य भाषा सशोधन बिल को लेकर बीडी कल्ला ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी बनाई हुई है, वह अन्य राज्यों का अध्ययन कर रही है. उसी मॉडल के तर्ज पर द्वितीय भाषा का दर्जा दिए जाने को लेकर काम कर रही है. जल्दी इसका पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिलेगा।
पिछले दिनों ही राजस्थानी मोट्यार परिसद के शिवदान जोलावास ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से इस संबंध में मुलाकात की थी तथा बीकानेर के मोट्यारों ने डॉ बीडी कल्ला को अवगत भी करवाया था। इससे पूर्व राजस्थानी मोट्यार परिसद के प्रशांत जैन, शोधार्थी जगदीश, मगराज कोरना, सहित मोट्यार परिसद के अलग-अलग अंचलों के भाषा प्रेमियों ने समस्त विधायकों से आग्रह करके राजस्थानी को राजभासा हेतु लेटर जारी करवाये थे। मोट्यार परिसद के डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने बताया कि विधानसभा में डॉ बीडी कल्ला के कहे अनुसार अलग अलग राज्यो के अधिनियमो की जानकारी लेने हेतु कमेटी गठित की है। राजेन्द्र राठौड़, जोगेश्वर गर्ग, डॉ बीडी कल्ला का मोट्यार परिसद के समस्त पदाधिकारियों राजेश चौधरी, रामावतार उपाध्याय, सुमन शेखावत, मुकेश रामावत, सरजीत राजस्थानी, भरत दासोड़ी, भगवानाराम, सुनील सांखला सहित भाषाई आंदोलन से जुड़े हजारों कार्यकर्ताओं ने विधानसभा की कार्यवाही पर आभार व्यक्त किया।