राजस्थान में जूम ऐप पर रोक, डेटा चोरी का शक
जयपुर। कोरोना काल में चर्चा में आई ऑनलाइन मीटिंग ऐप जूम पर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने सभी सरकारी ऑफिसों में जूम ऐप से होने वाली ऑनलाइन मीटिंग पर रोक लगा दी है। इस ऐप पर रोक के पीछे सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। दरअसल, प्रदेश के सभी सरकारी ऑफिसों में अधिकारी जूम ऐप के जरिए ही ऑनलाइन मीटिंग से जुड़ते थे। सरकार की ओर से मंगलवार को इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग से जारी आदेशों में बताया कि राजकीय ऑफिस, निगमों, बोर्ड में ऑनलाइन मीटिंग के लिए जूम ऐप का उपयोग किया जा रहा है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर केंद्र ने इस ऐप को साइबर सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षित नहीं माना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इसी अलर्ट को देखते हुए राज्य सरकार ने भी सभी सरकारी ऑफिस, बोर्ड, निगम, सहकारी संघों के एचओडी और अन्य को आदेश दिए हैं कि सरकारी मीटिंग के दौरान जूम ऐप का उपयोग नहीं किया जाए।
प्रदेश में जूम ऐप पर रोक लगा दी गई है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश में पहले से इस पर रोक है, लेकिन एहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की गई है। प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग के संयुक्त शासन सचिव नगिक्या गोहेन ने कहा- केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से ये दिशा-निर्देश आए थे। चूंकि डेटा लीक होने का खतरा होने की आशंका जताते हुए इसे सभी राज्यों को जारी किया है। इसको देखते हुए हमने भी ये आदेश जारी किए हैं। वैसे भी सरकार में लगभग सभी विभाग डीओआईटी या एनआईसी के बनाए प्लेटफॉर्म पर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या मीटिंग कर रहे हैं।
चार साल पहले ये आशंका जाहिर की गई थी कि इस ऐप के जरिए पर्सनल डेटा आसानी से चोरी किया जा सकता है। वीडियो कॉलिंग भी हैक की जा सकती है। गृह मंत्रालय ने इस ऐप के इस्तेमाल को लेकर एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था- यह ऐप सुरक्षित नहीं है। इससे कोई भी सरकारी मीटिंग नहीं की जाएगी, इसका इस्तेमाल कोई नहीं करे।
भारत में साइबर सिक्योरिटी की नोडल एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटीएन) ने जूम का इस्तेमाल करने वाले भारतीयों को चेतावनी भी जारी की थी। कनाडा के रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन सिटिजन लैब ने भी पाया था कि इस ऐप पर विडियो लिंक के लिए इंक्रिप्शन और डिस्क्रिप्शन ‘कीÓ डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए चीन के सर्वर का इस्तेमाल होता है।
जूम ऐप एंड टू एंड इंक्रिप्टेड नहीं है। एंड टू एंड इनक्रिप्टेड का मतलब यह है कि इसमें मैसेज भेजने वाला और पाने वाला ही मैसेज पढ़ सकता है। जूम में ऐसा नहीं है। इसे आसानी से हैक किया जा सकता है यानी तीसरा शख्स भी आसानी से मैसेज पढ़ सकता है। वॉट्सऐप एंड टू एंड इंक्रिप्टेट मैसेजिंग ऐप है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ब्लाइंड के मुताबिक, सुरक्षा चिंताओं को लेकर 12त्न यूजर्स ने इस ऐप का इस्तेमाल बंद कर दिया है। 35प्रतिशत प्रोफेशनल्स को डेटा चोरी होने की आशंका है। वॉशिंगटन पोस्ट ने जूम ऐप को लेकर एक अध्ययन किया है। इसमें पाया गया कि इस ऐप से वीडियो कॉलिंग और मीटिंग के बहुत सारे वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं। हैरानी की बात यह है कि ये वीडियो ऐप इस्तेमाल करने वालों ने ही नहीं डाले। सवाल ये है कि फिर ये लीक कैसे हुए। सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे बहुत सारे टूल्स हैं, जिससे इंटरनेट पर जूम वीडियो ढूंढकर लाया जा सकता है। एक खास बात और है कि जूम ऐप के फाउंडर एरिक युआन चाइनीज अमेरिकन हैं। उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए अपने इंटरव्यू में इस बात को लेकर माफी भी मांगी। उन्होंने वादा किया कि इसके सभी सिक्योरिटी इश्यू हल किए जाएंगे।