राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ा झटका, बहाल नहीं होगी संसद सदस्यता
गुजरात हाईकोर्ट ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी याचिका खारिज कर दी। इस फैसले से राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है। उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है। कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। अगर अदालत दोषसिद्धि पर रोक लग देता तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। राहुल अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ले सकते हैं।
न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती एवं गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम 2 साल की सजा देने का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं। गुजरात में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए 2 साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।