लोकसभा में पीएम मोदी ने दिया करारा जवाब
मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिन से लोकसभा में बहस जारी है। आज इस बहस के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपना भाषण दिया। पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा के साथ-साथ देश के अन्य मु्द्दों पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस, विपक्षी दलों के गठबंधन पर भी करारा हमला बोला। बुधवार को कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने चर्चा में हिस्सा लिया।
उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की गई। हिंदुस्तान में भारत माता की हत्या की गई। राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया था। अविश्वास प्रस्ताव पर जब मोदी भाषण दे रहे थे तब बीच में विपक्षी नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया। विपक्षी पार्टियों का कहना था कि पीएम मणिपुर पर नहीं बोल रहे हैं। इसके बाद मोदी ने कहा- लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने को तैयार होते हैं लेकिन सुनने को तैयार नहीं होते। वे झूठ फैलाकर भाग जाते हैं।
इसके तुरंत बाद मोदी ने मणिपुर पर बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा- अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा हो सकती थी। अगर सिर्फ मणिपुर पर चर्चा की बात थी गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कहा था लेकिन विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था। इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे। मोदी ने आगे कहा मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री ने विस्तार से बताया था। लेकिन विपक्ष को राजनीति के सिवाय कुछ नहीं करना है। मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया। उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का दौर शुरू हुआ। कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ। दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है।
देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा। मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं। पीएम मोदी बोले ये ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन है। इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है। हर कोई पीएम बनना चाहता है। इस गठबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि किस राज्य में आपका किससे कैसा कनेक्शन है। बंगाल में आप ञ्जरूष्ट और कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ हैं। दिल्ली में साथ हो गए। केरल के वायनाड में जिन लोगों ने कांग्रेस के दफ्तर में तोडफ़ोड़ की, उसके साथ दिल्ली में इन्होंने हाथ मिला लिया। बाहर से लेबल तो बदल लेंगे लेकिन पुराने पापों का क्या होगा? आप जनता से ये पाप नहीं छिपा सकते। अभी हालात ऐसे हैं तो हाथों में हाथ हैं, जहां हालात बदले तो छुरियां निकल जाएंगी।