पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में पॉनसेटी पद्धति द्वारा 1015 बच्चों के जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पांवों का बिना ऑपरेशन उपचार

बीकानेर। विश्व क्लब फुट दिवस पर पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में क्योर इंटरनेशनल इंडिया के तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पीबीएम ट्रॉमा सेंटर के निदेशक डॉ बीएल खज़ौटिया ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में बच्चों के जन्मजात टेढे-मेढ़े पांवों का सफल इलाज किया जा रहा है जिन्हें नया जीवन मिला है। ट्रॉमा सेंटर के क्लब फुट क्लिनिक में वर्ष 2012 से अब तक जन्मजात टेढे मेढ़े पांव से पीडि़त 1015 बच्चे पंजीकृत हैं जिनका बिना ऑपरेशन सफल इलाज किया जाता है। उन्होंने कहा कि पहले इस बीमारी से बच्चे विकलांग हो जाते थे।
उन्होंने बताया कि पूर्व पद्धतियों से रोगी 50 प्रतिशत ठीक हो पाते थे मगर अब पॉनसेटी पद्धति से समय रहते 99 प्रतिशत इलाज हो जाता है। इसमें छह सात सप्ताह के बाद विशेष जूते दिए जाते हैं। पीबीएम ट्रॉमा सेंटर में मंगलवार को क्लब फुट क्लिनिक में ऐसे बच्चों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था है। कार्यक्रम में क्योर इंटरनेशनल इंडिया की कॉर्डिनेटर कोमल वर्मा ने बताया कि उपचाराधीन बच्चों को संस्था को ओर से विशेष जूते नि:शुल्क दिए जाते हंै। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में बच्चों को चॉकलेट, बिस्कुट, केक, उपहार भेंट किए गए। इस दौरान ट्रॉमा सेंटर सीएमओ डॉ एलके कपिल, वरिष्ठ लेखक अशफाक कादरी, डॉ मनीष चौधरी, डॉ राजेंद्र मीणा, डा कपिल मीणा, नर्सिंग ऑफिसर भुवनेश सहित ट्रॉमा सेंटर परिवार के सदस्यों ने विचार रखे।

इलाज पर भरोसा जताया…
कार्यक्रम में 4 माह के शिवम की मां ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह 11 दिन के बच्चे को लेकर आई थी तब यह विश्वास नहीं था कि मेरा बच्चा चल पाएगा। मगर अब यहां इलाज से भरोसा हो गया है कि मेरा बेटा जरूर चल सकेगा। कार्यक्रम में 5 वर्षीय आरज़ू, 4 माह के शुभम, अज़ान, 9 माह के आशीष, रुचिका, पार्थ, परी सहित 30 परिजन शामिल हुए और इलाज के अनुभव साझा किए।