फ्लैट में छुपे थे पेपरलीक के मास्टरमाइंड
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 समेत 6 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में तीन आरोपी ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और शम्मी बिश्नोई एसओजी की हिरासत में हैं। बुधवार को जोधपुर की साइक्लोन टीम ढाका और बेनीवाल को हैदाराबाद से पकड़ कर जयपुर लाई थी। वहीं सरकारी टीचर शम्मी को जोधपुर से डिटेन किया था। तीनों को बुधवार रात में एसओजी को सौंप दिया था। जोधपुर आईजी विकास कुमार ने बताया कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे थे, जहां से उन्हें पकड़ा। वहीं, शम्मी बरसाना में फरारी काट रही थी और मंगलवार को टीम उसे लेकर जोधपुर पहुंची थी। इधर, इन तीनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर 15 दिन की रिमांड मांगी है। डीजीपी यूआर साहू ने जोधपुर की साइक्लोन टीम को बधाई दी है। आईजी विकास कुमार ने बताया- उनकी टीम पिछले दो महीने से इन बदमाशों के पीछे थी। इस दौरान इनपुट मिला कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे हैं। पुलिस टीम ने कई दिनों तक इनकी रैकी की। फिर गैस की सप्लाई देने के बहाने प्लैट में घुसे और दोनों को पकड़ा। वहीं शम्मी दो महीने से बरसाना में थी। वह बरसाना में गायों की शोभायात्रा में पहली बार देखी गई थी। इसके बाद कई मंदिरों में उसे देखा गया। इसी दौरान टीम ने उसे डिटेन कर लिया।
ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपए, शम्मी बिश्नोई पर 70 हजार रुपए और सुनील बेनीवाल पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। तीनों पेपर लीक के मास्टरमाइंड हैं। इनकी तलाश राजस्थान पुलिस को काफी समय से थी। ओमप्रकाश ढाका मुख्य आरोपी है। वह पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई की गैंग को चलाने वाला हैंडलर है। वह पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वहीं शम्मी बिश्नोई ने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने का काम किया है। खुद भी कई परीक्षाों में डमी कैंडिडेट बनकर बैठी है। वह खुद बालोतरा थाने की वांटेड भी है। सुनील भी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षाओं में बैठा है। वह डमी कैंडिडेट भी उपलब्ध करवाता था।
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 समेत 6 से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में तीन आरोपी ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और शम्मी बिश्नोई एसओजी की हिरासत में हैं। बुधवार को जोधपुर की साइक्लोन टीम ढाका और बेनीवाल को हैदाराबाद से पकड़ कर जयपुर लाई थी। वहीं सरकारी टीचर शम्मी को जोधपुर से डिटेन किया था। तीनों को बुधवार रात में एसओजी को सौंप दिया था। जोधपुर आईजी विकास कुमार ने बताया कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे थे, जहां से उन्हें पकड़ा। वहीं, शम्मी बरसाना में फरारी काट रही थी और मंगलवार को टीम उसे लेकर जोधपुर पहुंची थी। इधर, इन तीनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर 15 दिन की रिमांड मांगी है। डीजीपी यूआर साहू ने जोधपुर की साइक्लोन टीम को बधाई दी है। आईजी विकास कुमार ने बताया- उनकी टीम पिछले दो महीने से इन बदमाशों के पीछे थी। इस दौरान इनपुट मिला कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छुपे हैं। पुलिस टीम ने कई दिनों तक इनकी रैकी की। फिर गैस की सप्लाई देने के बहाने प्लैट में घुसे और दोनों को पकड़ा। वहीं शम्मी दो महीने से बरसाना में थी। वह बरसाना में गायों की शोभायात्रा में पहली बार देखी गई थी। इसके बाद कई मंदिरों में उसे देखा गया। इसी दौरान टीम ने उसे डिटेन कर लिया। ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपए, शम्मी बिश्नोई पर 70 हजार रुपए और सुनील बेनीवाल पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। तीनों पेपर लीक के मास्टरमाइंड हैं। इनकी तलाश राजस्थान पुलिस को काफी समय से थी। ओमप्रकाश ढाका मुख्य आरोपी है। वह पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई की गैंग को चलाने वाला हैंडलर है। वह पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वहीं शम्मी बिश्नोई ने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने का काम किया है। खुद भी कई परीक्षाों में डमी कैंडिडेट बनकर बैठी है। वह खुद बालोतरा थाने की वांटेड भी है। सुनील भी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षाओं में बैठा है। वह डमी कैंडिडेट भी उपलब्ध करवाता था। एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसओजी ने 38 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें 28 मामले डमी कैंडिडेट और बाकी फर्जी डिग्री और पेपर लीक के हैं। उन्होंने बताया- यह गिरोह इतना बड़ा है कि जो कैंडिडेट परीक्षा में सिलेक्ट हो जाता था, उनको फर्जी डिग्री तक दिला देते थे। पीटीआई भर्ती-2022 परीक्षा में भी 88 कैंडिडेट ऐसे थे, जिन्हें फर्जी डिग्री दिलवाई।े बताया कि एसओजी ने 38 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें 28 मामले डमी कैंडिडेट और बाकी फर्जी डिग्री और पेपर लीक के हैं। उन्होंने बताया- यह गिरोह इतना बड़ा है कि जो कैंडिडेट परीक्षा में सिलेक्ट हो जाता था, उनको फर्जी डिग्री तक दिला देते थे। पीटीआई भर्ती-2022 परीक्षा में भी 88 कैंडिडेट ऐसे थे, जिन्हें फर्जी डिग्री दिलवाई।