कैदियों की बढ़ी भीड़, जगह हुई कम, कोरोना का खतरा बढ़ा
जेलों में इतनी भीड़ के चलते बंदियों को अब कोरोना का खतरा सताने लगा। पुलिस के ऑपरेशन शिकंजा अभियान के चलते बदमाशों की धरपकड़ की गई, इसके चलते पाली शहर, जैतारण, सोजत व बाली उप कारागार में क्षमता से दोगुने बंदी बंद है। जेलों में इतनी भीड़ के चलते बंदियों को अब कोरोना का खतरा सताने लगा है। जेल प्रशासन के लिए भी हालात संभालना किसी चुनौती से कम नहीं है।
पाली पुलिस ने ऑपरेशन शिकंजा अभियान चलाया, तीन बार हुई कार्रवाई में 1300 से अधिक बदमाश पकड़े गए, कइयों की जमानत हो गई, जबकि अधिकांश जेलों में बंद है। अब पाली, जैतारण, सोजत व बाली जेल के हालात यह है कि यहां क्षमता से दोगुने बंदी बंद है। गर्मियों में जेलें छोटी पड़ रही है। कम बैरकों के बीच इन बंदियों का रहना मुश्किल है। कोरोना के खतरे के बीच यहां सोशल डिस्टेसिंग जैसी पालना करवाना संभव नहीं है।
पाली जेल में इन दिनों 140 से अधिक बंदी बंद है, जो क्षमता से दोगुने से अधिक है। बाली जेल में 90 बंदी बंद है, सोजत में भी 80 बंदी है और जैतारण जेल में क्षमता से अधिक बंदी है। पाली जेल में पोक्सो के बंदियों की संख्या अधिक है। गत दिनों बंदियों की संख्या अधिक होने पर सौ से अधिक बंदियों को जोधपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से बंदियों की संख्या बढ़ गई। अब पाली जेल छोटी पड़ रही है।