ऑयल मीलों को व्यवसाय में आ रही समस्याओं का शीघ्र होगा समाधान, योजनाओं में करना होगा सुधार : विनोद बाफना

बीकानेर ऑयल मील एसोसिएशन के संगम सरसों व्यवसायियों की बैठक आयोजित
बीकानेर। बीकानेर ऑयल मील एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद बाफना की अध्यक्षता में बीकानेर संभागभर के ऑयल मील व्यवसायियों ने बैठक का आयोजन कर विभिन्न विषयों पर रायसुमारी व चर्चा की गई। अध्यक्ष बाफना ने बताया कि मीटिंग में सभी ने अपने-अपने व्यवसायों में आ रही समस्याओं के निस्तारण के लिए राय रखी जिसमें मुख्यत: नेफेड द्वारा मंूगफली विक्रय की जा रही है जो कि दरों में काफी अंतर होने की वजह से मिलों द्वारा क्रय किया जाना संभव नहीं है, दरें अनुचित है। इसके अलावा नेफेड द्वारा संचालित वेयर हाउसों में लिए जाने वाली पलदारी की दरें भी समान्तर नहीं है। इस पर सहमति बनी कि इन दरों उचित एवं समान्तर करें एक ही दर सभी जगह लागू हो। सरकार ने एक तरफ मूंगफली व सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाया है जो कि किसान के हित में है। इसमें पैदावार की बढ़ोतरी होगी और किसान को अपनी उपज की अच्छी कीमत मिलेगी। इसका ऑयल मील ऐसोसिएशन ने समर्थन किया है। दूसरी तरफ दिनांक 30.05.2025 को आयातीत तेल की इम्पोर्ट ड्यूटी कम की गई र्है, जिससेे तेल का इम्पोर्ट ज्यादा होगा और स्थानीय निर्माताओं पर इसका असर पड़ेगा। पहले से ही ऑयल मीलें बंद होने की कगार पर है और कई ऑयल मीलें ऐसी योजनाओं की वजह से बंद हो चुकी हैं। सरकार के इस निर्णय के पीछे क्या उदेश्य है, यह व्यवसायों के लिए रहस्य है।
इस वजह से घरेलू तेल की बिक्री पर असर पड़ेगा जिससे ऑयल मिलों चल पाना मुश्किल है। इस बड़ी समस्या की वजह से ऑयल मील मालिकों को आने वाले समय में क्या होगा यह भय की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। इसके अलावा ऑयल मील धारकों की सबसे बड़ी समस्या एसजीएसटी रिफण्ड की है। जिसमें एसजीएसटी के नाम पर कई मीलों के करोड़ों रूपये रिफण्ड होने हैं जो ऑयल मील को नकारात्मक सूची में होने की वजह से रिफण्ड नहीं हो पा रहे हैं, जो एक बडी समस्या है। कई ऑयल मीलों की तो केपिटल ही ब्लॉक हो गई राज्य व केन्द्र सरकार को एक बडा राजस्व देने वाली संस्थान का यह हाल चिन्तन का विषय है। इस बैठक में सचिव कन्हैयालाल जाखड़ ने आगंतुकों का स्वागत किया और कहा कि हमसब मिलकर इन विषयों को उचित स्थान तक पहुंचाने का काम करेंगे आवश्कता रही तो हम आन्दोलन की राह पर चलेंगे। बैठक में सतीश गोयल, गोरछिया, सुरेन्द्र बोरावड, चन्द्रप्रकाश डेलू, जयचन्दलाल सेठिया, मुकेश डागा, श्यामसुन्दर सियाग, देवीदत शर्मा, विनोद भादू, रामनिवास जाखड, अखाराम जाखड, ओमप्रकाश बाना, श्रवणनाथ सिद्ध, भागीरथ केवटिया, रामलाल सारण ने अपने सुझाव दिए।
