अब ट्रेन ड्राइवर को आई झपकी तो डिवाइस बोलेगा जागते रहिए
जोधपुर। रेलवे मंत्रालय ट्रेनों के सुरक्षित संचालन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नवाचार करता रहा है। अब ट्रेनों के इंजन में एआई आधारित एक स्पेशल डिवाइस लगाई जा रही है, जो लोको पायलट को सपोर्ट भी करेगी। भारतीय रेल के मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट के तहत जल्द ही रेलवे चालक सहायता प्रणाली (आरडीएएस) लागू होने जा रही है। चलती ट्रेन में ड्राइवर यदि झपकी लेगा तो डिवाइस उसकी पलकों को ट्रैक करके पता लगा लेगी कि कहीं वह सो तो नहीं रहा है। इस पर आरडीएएस उसे जागते रहने के लिए अलर्ट करेगी।
यही नहीं, यदि ड्राइवर अपने केबिन में मोबाइल फोन पर ज्यादा देर तक बातचीत करेगा तो डिवाइस अलर्ट मैसेज देते हुए फोन रखने के लिए भी कहेगी। सबसे पहले उत्तर-पश्चिम रेलवे यह डिवाइस जल्द ही अपने रूट की सभी ट्रेनों में लगाने की तैयारी में है। इसके साथ ही रेलवे के दूसरे मंडल भी अपने क्षेत्राधिकार में इसे लागू करना शुरू करेंगे। इस डिवाइस का टेस्ट हो चुका है, परिणाम भी सकारात्मक आए हैं। इसके पीछे मंशा रेलवे की ओर से कवच के साथ तमाम सुरक्षा के इंतजाम करना रहा है।
आपातकालीन ब्रेक- अधिकारी बताते हैं कि आरडीएएस डिवाइस न केवल लोको पायलट को सतर्क करेगी, बल्कि एक निर्धारित अवधि के लिए चालक के सतर्कता खोने की स्थिति में आपातकालीन ब्रेक भी लगा सकेगी।
इस डिवाइस में इस तरह की तमाम खूबियां हैं। यदि पायलट ट्रेन के चलते वक्त धूम्रपान भी करेगा तो भी उसे टोकेगी। आरडीएएस डिवाइस की खूबियों को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो जारी हो चुका है। रेलकर्मी 1.19 मिनट के वीडियो को शेयर भी कर रहे हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि केबिन में एक स्क्रीन लगी है, उसमें सीसीटीवी के माध्यम से ट्रेन चला रहा लोको पायलट दिखाई दे रहा है।
इसी साल प्रयोग के तौर पर लगेंगे- इधर-उधर देखने पर आवाज आएगी ड्राइवर सामने देखिए लोको पायलट यदि ट्रेन चलाते वक्त कुछ देर के लिए इधर-उधर देखता है तो डिवाइस में उपलब्ध प्रोग्राम के माध्यम से आवाज आएगी कि ड्राइवर आप सामने देखिए। इस डिवाइस को रेलवे के सभी जोन इसी साल प्रयोग के तौर पर ट्रेनों में लगाएंगे। अजमेर मंडल की ट्रेनों में ये पहले लगाया जा रहा है। जबकि जोधपुर मंडल में भी आरडीएएस का सफल ट्रायल हो चुका है। जल्द ही जोधपुर मंडल् की ट्रेनों में ये पहले लगाए जाने किया।