अब स्कूल-कॉलेजों के नामकरण में राजनीति नहीं चलेगी
राजस्थान के स्कूल और कॉलेजों का नामकरण करने में सियासी दखल कम करने की तैयारी है। इसके लिए भजनलाल सरकार गाइडलाइन बनाएगी। सरकारी स्कूल-कॉलेजों का नामकरण नेताओं, भामाशाहों, दानदाताओं और शहीदों के नाम पर करने को लेकर नई गाइडलाइन बनेगी। अभी इसे लेकर कोई गाइडलाइन नहीं है। गहलोत सरकार के आखिरी छह महीने के कार्यकाल की समीक्षा के लिए बनी कैबिनेट सब कमेटी ने शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग को स्कूल-कॉलेजों के नामकरण के लिए नियम और गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए हैं। गहलोत सरकार के आखिरी छह महीनों की समीक्षा के दौरान स्कूल, कॉलेजों और सरकारी भवनों के नामकरण के कई मामलों की जांच की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई स्कूल-कॉलेजों में कुछ कमरे बनाने वाले दानदाताओं के नाम पर संस्थान का नामकरण कर दिया गया। ऐसे मामलों को देखते हुए कैबिनेट सब कमेटी ने अब नई गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए हैं।
कैबिनेट सब कमेटी के मेंबर और ससंदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- पिछली सरकार ने जाते-जाते कई स्कूल-कॉलेजों के नामकरण कर दिए, लेकिन अब आगे से इसके नियम तय होने चाहिए। इसके बेसिक क्राइटेरिया होने चाहिए। स्कूल-कॉलेज का नामकरण किसके नाम पर होगा। दानदाता और शहीदों के नाम हो, इसके लिए प्रॉपर गाइडलाइन बनाने को कहा गया है। स्कूल-कॉलेज का नामकरण राजनीतिक आधार पर नहीं होना चाहिए। अब तक इसकी कोई गाइडलाइन नहीं थी। कॉलेज शिक्षा आयुक्त के पद पर आईएएस को बैठाने पर कैबिनेट सब कमेटी के मेंबर जोगाराम पटेल ने आपत्ति की है। कैबिनेट सब कमेटी का तर्क है कि नियमों में इसका प्रावधान ही नहीं है। कॉलेज शिक्षा आयुक्त पद पर कैबिनेट सब कमेटी ने शिक्षाविद को लगाने का सुझाव दिया है। कॉलेज शिक्षकों के कैडर में से ही यह पद देने का सुझाव दिया गया है। कैबिनेट सब कमेटी ने इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग को नए नियम बनाकर इस सुझाव को शामिल करने को कहा है। कमेटी के निर्देशों के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग ड्राफ्ट तैयार करेगा। कमेटी अपनी रिपोर्ट में भी इस सुझाव को शामिल करेगी। मंत्री जोगाराम का तर्क है कि जिस तरह कई तकनीकी विभागों में उसी सर्विस का अफसर आयुक्त बनता है, उसी तर्ज पर कॉलेज शिक्षा आयुक्त का पद भी उच्च शिक्षा सर्विस से जुड़े शिक्षक को देना चाहिए। इससे कॉलेज शिक्षा का ढांचा सुधारने के साथ विभाग को भी फायदा होगा।