नोखा के प्रवासी उद्यमी जोरहाट के मुरलीधर गट्टानी को मिला सर्वश्रेष्ठ डेयरी उत्पादक खिताब, राज्यपाल ने सराहा
आसाम में शुद्धता का परचम लहराने वाली नवनीत डेयरी विभाग के हर पैमाने पर खरी उतरी
नोखा। नोखा के प्रवासी उद्यमी जोरहाट के मुरलीधर गट्टानी को असम राज्य के सर्वश्रेष्ठ डेरी उत्पादक का खिताब असम सरकार ने दिया है। असम के कृषि और पशुपालन विभाग के तत्वाधान में आयोजित समारोह में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने यह पुरस्कार गट्टानी के पुत्र पियूष गट्टानी को प्रदान किया। गुवाहाटी के खानापाडा स्थित पशु चिकित्सालय मैदान में आयोजित समारोह में पशुधन और बत्तख मुर्गी मेले का समारोह आयोजित किया गया। जिसमें कृषि पशुपालन सहित विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगपतियो को पुरस्कार दिए गए। जोरहाट के एमडीज ग्रुप की इकाई नवनीत डेरी ने विभाग की तरफ से तय पैमाने पर खरा उतरते हुए शत-प्रतिशत अंक हासिल किए।
नवनीत डेरी की स्थापना करने वाले नोखा के मुरलीधर गट्टानी ने अपने श्रम और साधनों से इसे बड़ी उड़ान दी और पूरे असम राज्य में इसके उत्पाद का मुकाबला नहीं है। समारोह में कृषि मंत्री अतुल बोरा, शिक्षा मंत्री रनोज पेगु, पर्यटन मंत्री जयंतमल बरूवा, सांस्कृतिक मंत्री विमल बोरा आदि उपस्थित रहे। पुरस्कार वितरण समारोह में अपने संबोधन में राज्यपाल कटारिया ने गोपालन को कृषि की रीढ़ बताते हुए कहा कि राज्य में दूध क्रांति के क्षेत्र में नवनीत डेरी ने एक आदर्श स्थापित किया है। कटारिया ने कहा कि देश के किसान इसकी उन्नति के पर्याय हंै। सरकार को चाहिए कि किसानों की विशेषताओं का लाभ पूर्ण रूप से लेने के लिए उन्हें पर्याप्त और उचित मंच मुहैया करवाए।
उन्होंने कहा कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि किसानों की बेहतरीन के लिए हम ऐसा वातावरण तैयार करें जिससे यह समाज और राष्ट्र निर्माण में उचित भूमिका निभा सके। इस अवसर पर मुरलीधर गट्टानी द्वारा लिखी और ग्रंथ संस्कृति द्वारा प्रकाशित पुस्तक जैविक कृषि और गोवर्धन के असमिया संस्करण का विमोचन भी राज्यपाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर पीयूष गट्टानी की पीठ थपथपाते हुए राज्यपाल ने जल्द ही एमडीज ऑर्गेनिक फार्म स्थित नवनीत डेरी उद्योग का दौरा करने की बात भी कहीं। ज्ञात रहे कृषि मंत्री अतुल बोरा स्वयं दो बार फार्म का दौरा कर चुके हैं और व्यवस्थाओं से प्रभावित नजर आए। गट्टानी ने पूर्व में हिंदी भाषा में भी अपनी पुस्तक का प्रकाशन किया था।