आसाराम मामले में नया अपडेट… पढ़ें पूरी खबर
जोधपुर नाबालिग से रेप करने वाले आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से जोरदार झटका लगा है। राजस्थान हाईकोर्ट ने ढ्ढक्कस् अजयपाल लांबा को बतौर गवाह पेश होने के लिए समन जारी किया था। इसके खिलाफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी। इस पर सुनवाई के बाद 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट के जज संजीव खन्ना और एमएम सुंदरेश की बेंच ने सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। साथ ही, आसाराम की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट से जल्दी सुनवाई करने को भी कहा।
आसाराम केस पर लांबा ने एक किताब लिखी है। नाम है- ‘गनिंग फॉर द गॉड मैन: द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम्स कनविक्शनÓ। आसाराम के केस से लांबा का गहरा नाता है। लांबा ने ही आसाराम से संबंधित केस की जांच को अंजाम दिया था। वह इस केस की जांच टीम को लीड कर रहे थे। लांबा ने अपनी किताब में पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए हैं। किताब के सामने आते ही आसाराम के वकील को भी मौका मिल गया। वकील ने दावा किया था कि लांबा की ओर से मोबाइल में शूट किए गए अपराध स्थल के वीडियो को देखकर ही नाबालिग छात्रा ने कुटिया का विवरण दिया, जबकि इससे पहले उसने घटनास्थल का विवरण नहीं दिया था।
इसको बचाव पक्ष (आसाराम) ने महत्वपूर्ण साक्ष्य माना और सीआरपीसी (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) की धारा 391 के तहत लांबा को बतौर गवाह पेश करने की अर्जी लगाई। तर्क दिया कि अपराध के दृश्य के वीडियो के आधार पर पीडि़ता को सिखाया गया। अर्जी में कहा गया कि लांबा की किताब इस दावे की पुष्टि करती है। लांबा को गवाह के तौर पर पेश न करने के संबंध में तर्क देते हुए राजस्थान सरकार के वकील ने कहा था किताब फिक्शन है। उसके आधार पर पूरे मामले को दोबारा खोलने की मांग नहीं की जा सकती। किताब में ही कहा गया है कि यह घटना का एक नाटकीय रूपांतरण है। इसके आधार पर पूरा केस फिर से नहीं खोला जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने किताब के फिक्शन होने की दलील मानी और हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।
जोधपुर स्थित आश्रम में नाबालिग छात्रा से 2013 में आसाराम ने रेप किया था। 20 अगस्त 2013 को नाबालिग लड़की ने कुटिया के अंदर का विवरण नहीं दिया था। 2018 में निचली अदालत ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी अजय पाल लांबा 2013 में जोधपुर के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) थे। अपनी किताब में लांबा ने कहा था कि अपराध के दृश्य को उन्होंने अपने फोन पर फिल्माया था ताकि जरूरत पडऩे पर जांच के दौरान मदद मिले।