अधिकारी ऐसा जिसे जन-जन का मिला स्नेह, अतिक्रमण, ट्रेफिक और नशे के खिलाफ रहा जबरदस्त एक्शन
निवर्तमान संभागीय आयुक्त को दी विदाई डॉ. नीरज के. पवन ने कहा- बीकानेर के स्नेह से अभिभूत
बीकानेर। बीकानेर के निवर्तमान संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन ने कहा कि अधिकारी आम आदमी का दर्द समझते हुए संवेदनशीलता से काम करें और हर एक प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए राहत दें। डॉ नीरज के. पवन ने बुधवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि वे बीकानेरवासियों की ओर से मिले प्यार और स्नेह से अभिभूत हैं। इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने आमजन की पीड़ा को समझते हुए राहत देने का प्रयास किया। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि संभागीय आयुक्त के रूप में डॉ नीरज के पवन का कार्यकाल बेहतर रहा।
उन्होंने जनहित से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी। आईजी ओमप्रकाश ने कहा कि संभागीय आयुक्त के रूप में डॉ. पवन के प्रयासों से संभाग में कानून व्यवस्था संधारित कराने में बेहतर समन्वय मिला। पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि एक प्रभावी प्रशासक के साथ-साथ एक संवेदनशील व्यक्ति के रूप में उनके कार्यकाल को याद रखा जाएगा। उपनिवेशन आयुक्त प्रदीप के गावंडे ने डॉ पवन के कार्यकाल के दौरान जिले में हुए रचानात्मक कार्यों व आमजन के हित में हुए कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त एएच गौरी , निजी सहायक रतन सिंह, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी चेतन आचार्य, संयुक्त निदेशक सांख्यिकी धनपाल मीना, तहसीलदार दिव्या चावला, मोहित जोशी सहित संभागीय आयुक्त कार्यालय के कार्मिक उपस्थित रहे।
प्रशासनिक ही नहीं सामाजिक सरोकारों में भी आगे दिखे नीरज
डॉ. नीरज के. पवन का बीकानेर में कार्यकाल बीकानेर की जनता के लिए स्वर्णिम रहा। खास बात यह रही कि इस कार्यकाल में डॉ. नीरज के. पवन ने बीकानेर के कई बड़ी समस्याओं का समाधान करवाया। कोटगेट ट्रेफिक व्यवस्था, फड़बाजार का कायापलट और अतिक्रमण मुक्त बीकाणा अभियान से डॉ. नीरज के. पवन ने बीकानेरवासियों के दिलों में स्थान बनाया। बीते दिनों ही डॉ. नीरज के.पवन ने बीकानेर मेडिकल कॉलेज को अपनी देहदान का संकल्प पत्र सौंपा। संकल्प पत्र के दौरान उन्होंने कहा कि अब मरणोपरांत मेरी देह भी बीकानेर के मेडिकल स्टूडेंट्स के अध्ययन के काम आएगी। डॉ. नीरज न केवल प्रशासनिक बल्कि यहां सामाजिक सरोकारों में भी अग्रणी दिखे। नो टोबेको डे अभियान को सख्ती से लागू करवाना तथा हुक्का बारों पर कार्यवाही करके नशे के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की गई। पुण्य पहल की बात करें तो बस शेल्टर और बस-बे पर मटकियों-पंखों की व्यवस्था भी नीरज के.पवन के निर्देशानुसार हुई। गंदे पानी की सब्जियों को नष्ट करवाने की कार्यवाही, विद्यार्थियों को 25 हजार डिक्शनरी वितरित करवाना, केवल बीकानेर ही नहीं गांव-कस्बों में भी अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही, ट्रेफिक कंट्रोल के लिए उठाए गए प्रभावी कदम से बीकानेरवासियों को काफी राहत मिली। अक्सर साइकिल पर ही निरीक्षण और व्यवस्थाओं का जायजा लेने निकलने वाले नीरज के. पवन ने बीकानेर में हैरिटेज व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी बेहतर प्रयास किए। विधि सेवाओं में बीकानेर का भरपूर प्रतिनिधित्व हो इसके लिए नि:शुल्क कोचिंग के प्रयास मील के पत्थर साबित होंगे। चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए स्वयं की ओर से चाइनीज मांझे की सूचना देने वाले को 2100 रुपए के ईनाम देने, पीबीएम अस्पताल में नि:शुल्क पार्किंग सुविधा, राजस्थानी साहित्य हेतु अतरराष्ट्रीय वेबिनार, साहित्यकारों के डेटाबेस संबंधी अनेक कार्य किए। अतिक्रमण के खिलाफ डॉ. नीरज के.पवन इतने एक्टिव थे कि सूचना मिलने पर अतिक्रमण की सत्यता पाए जाने पर तुरन्त ही हटवा देते।