मुनीर को बनाया फील्ड मार्शल, पाकिस्तानी सरकार ने दिया कट्टरपंथी जनरल को इनाम

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को भारत के साथ हालिया संघर्ष में सशस्त्र बलों का नेतृत्व करने के लिए मंगलवार को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया। मुनीर को पदोन्नत करने का फैसला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। सरकारी पीटीवी ने कहा कि मंत्रिमंडल ने देश के फील्ड मार्शल के रूप में जनरल आसिम मुनीर को पदोन्नत करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इसने कहा कि यह निर्णय भारत के साथ संघर्ष में उनकी ‘सफल भूमिकाÓ के लिए लिया गया। मुनीर पाकिस्तान के दूसरे फील्ड मार्शल हैं, इससे पहले 1959 में अयूब खान पहले फील्ड मार्शल बने थे। मुनीर पाकिस्तानी सेना का एक कट्टरपंथी चेहरा हैं। उनका ताल्लुक कट्टर इस्लामी परिवार से है। उनके पिता सैयद सरवर मुनीर स्कूल टीचर और इमाम थे। वे हाफिज-ए-कुरान भी थे। मुनीर पहले भी कई बार भारत को लेकर भड़काऊ बयान दे चुके हैं। जानकारों का तो यह भी मानना है कि उनके बयान आतंकवाद को समर्थन देने का ही काम करते हैं। वे अपने भाषणों में टू-नेशन थ्योरी को भी उठाते रहे हैं।
उनकी भाषा आमतौर पर उकसाने वाली होती है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले की वजह पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर के उस बयान को माना गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की आने वाली पीढिय़ों को बताना होगा कि हिंदू और मुसलमान अलग हैं। दोनों का खान-पान, रहन-सहन, धार्मिक रीति-रिवाज सबकुछ अलग है। हम दो मुल्क हैं। कश्मीर पाकिस्तान के गले की नस है। उनके इस बयान के 5 दिन बाद ही पहलगाम में हमला हुआ था। भले ही मुनीर भारत में पैदा नहीं हुए, लेकिन उनके परिवार का भारत से संबंध है। आसिम के पिता सैयद सरवर का परिवार 1947 के भारत विभाजन के बाद पंजाब के जालंधर से पाकिस्तान आ गया था। शुरुआती दौर में यह परिवार टोबा टेकसिंह में रहा, इसके बाद स्थायी रूप से रावलपिंडी में जाकर बस गया। ऐसे में जनरल मुनीर का परिवार पाकिस्तान के लिए मुहाजिर (शरणार्थी) है।
मुनीर ने 1986 में पाकिस्तानी सेना में कमीशन प्राप्त किया। उन्हें पहली पोस्टिंग 23वीं बटालियन फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट में मिली। 2018 में मुनीर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ भी रह चुके हैं। लेकिन, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें 8 महीने के भीतर ही पद से हटा दिया था। इमरान के सत्ता से बाहर होने के बाद मुनीर और ताकतवर होकर लौटे। शरीफ सरकार ने उन्हें पाकिस्तानी सेना का प्रमुख ही बना दिया। हालांकि अब आसिम मुनीर शहबाज शरीफ के लिए ही गले की हड्?डी बन गए हैं।
