4 वर्षों में तीन हजार से अधिक हार्ट सर्जरी कर बीकानेर के डॉ. जयकिशन सुथार ने हजारों मरीजों को दिया जीवनदान
बीकानेर। चिकित्सा के क्षेत्र में एक सफलता का नया आयाम धड़कते दिल का ऑपरेशन बीकानेर में अपने हाथों से करने का सपना देखने वाले डॉ. जयकिशन सुथार ने यह सपना अपने चिकित्सीय क्षेत्र में बहुत जल्दी पूरा किया। अपेक्स हॉस्पिटल के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में हृदय चिकित्सा के क्षेत्र में सफलता की चार वर्ष कार्यक्रम का सेलिब्रेशन केक काटकर किया गया। इस अवसर पर कार्डियक वैस्कुलर सर्जन चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रहे बीकानेर के सिरमौर डॉक्टर द्वारा माला पहनकर अभिनंदन पत्र के साथ स्मृति चिन्ह भेंट कर इस दिन को यादगार बना दिया। बीकानेर में स्वर्णिम 4 वर्षों की डॉक्टर जे के सुथार व उनकी टीम ने 3000 से अधिक हार्ट सर्जरी का स्वर्णिम आयोजन किया। डॉक्टर सुथार ने बताया कि हार्ट सर्जरी जो है वह किसी भी संभाग के लिए एक ड्रीम सर्जरी है क्योंकि जितनी यह रिस्की है, उतना ही मरीजों के लिए सुविधाओं का उपलब्ध होना और उन्हीं सुविधाओं को एक ही पटल पर लाना, फिर हार्ट सर्जरी करना, यह सब तभी संभव है जब एक बहुत बड़ी टीम साथ में हो, जो कि अकेले आदमी से सहयोग से संभव नहीं है और ना ही किसी छोटी टीम के साथ यह संभव है। डॉक्टर सुथार ने बताया कि इस संपूर्ण टीम में कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियक एनेस्थेटिक, ट्रेंड सर्जन स्टाफ, ट्रेंड ओटी स्टाफ , ट्रेंड आईसीयू स्टाफ, परफ्यूशनिस्ट, ट्रेंड एनेस्थेटिक, संपूर्ण कार्डियक मैनेजमेंट यह सभी मिलकर बहुत बड़ी टीम बनाते हैं।
मैनेजर सचिन सुथार ने बताया की करीब 20 से 25 लोगों की यह टीम होती है और यह सब कुछ बीकानेर में ही सार्थक हो पाया है जो की बीकानेर में एक वरदान से कम नहीं है। डॉ सुथार ने बताया कि यह एक सपना था कि हम बीकानेर के लोगों के लिए हार्ट सर्जरी की सुविधा दे पाए। बीकानेर के चिकित्सा जगत में पिछले 100 वर्षों के इतिहास में कार्डियक सर्जरी होना एक सपना था जो कि हमेशा से ही रहा है और इस सपने को हमने पिछले चार सालों में 3000 से अधिक सर्जरी करके वह भी 99 प्रतिशत सक्सेसफुल रेट के साथ बीकानेर में किया है और निरंतर कर रहे हैं।
नर्सिंग ऑफिसर श्रवण चाडी ने बताया कि हमने सवा किलो के बच्चे से लेकर 150 किलो तक के वयस्क की सर्जरी की है और फिलहाल डेली बेसिस पर हार्ट की सर्जरी की जा रही है। बच्चों के दिल में छेद की सर्जरी (जो छोटे बच्चे पैदा होते ही कई बार इमरजेंसी में दिल का छेद बंद करना पड़ता है उनकी सर्जरी), आज ही 5 किलो के बच्चे की सर्जरी की थी (यह बच्चा बार-बार वेंटिलेटर पर जा रहा था) जिस मरीजों के दिल के वाल्व खराब हो गए हैं, उनके वाल्व को बदलने की सर्जरी आदि तमाम हार्ट सर्जरी हम निरंतर रूप से बीकानेर में पिछले 4 वर्षो से कर रहे हैं। डॉ. जेके सुथार और कार्डियक एनेस्थेटिक डॉक्टर गिरीश ने बताया कि हम धन्यवाद देते है , बीकानेर की जनता का, अपेक्स हॉस्पिटल बीकानेर का व हमारे साथ हार्ट सर्जरी की पूरी टीम का जिनकी वजह से यह सब संभव हुआ है। आयोजन में एपेक्स हॉस्पिटल के समस्त सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर्स, स्टाफ्स, ऑपरेटेड मरीज, एपेक्स हॉस्पिटल के यूनिट हेड डॉक्टर (मेजर) राजेश्वर भाटी, सेल्स एंड मार्केटिंग हेड नवीन मुद्गल, मेडिकल सुपरिडेंटेंट डॉक्टर गुरजीत मैम कार्डियक मैनेजर सचिन सुथार आदि संपूर्ण हॉस्पिटल स्टाफ शामिल रहा।
20 दिन के शिशु से लेकर 104 वर्षीय मरीज की सर्जरी कर दिया जीवनदान
आज से चार वर्ष पूर्व 7 दिसम्बर 2019 में बीकानेर के हल्दीराम मूलचंद कार्डियो वस्क्यूलर साइंसेज एंड रिसर्च में सीटीवीएस सर्जरी का आरंभ हुआ था और इसके तहत दिल के छेद व हार्ट के वाल्व बदलने की ओपन हार्ट सर्जरी करना शुरू किया गया। यह चमत्कार किया बीकानेर के जाने-माने कार्डियो वस्कुलर सर्जन डॉ. जयकिशन सुथार ने। डॉ. सुथार ने विगत चार वर्षों में हजारों मरीजों को स्वास्थ्यलाभ देकर जीवनदान प्रदान किया है। बीकानेर में दिल के छेद व हार्ट के वाल्व बदलने की ओपन हार्ट सर्जरी शुरू होने से हजारों लोगों को बड़े शहरों में भटकना नहीं पड़ रहा और इससे भी खास बात यह है कि यह उपचार मुख्यमंत्री चिरंजी स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत नि:शुल्क भी किया जाता है। डॉ. जयकिशन सुथार का चार वर्षों के इन बेहतरीन सेवा कार्यों के लिए रानी बाजार स्थित एपेक्स अस्पताल में अभिनन्दन किया गया। नर्सिंग ऑफिसर श्रवण जाट ने बताया कि बीकानेर में प्रथम ओपन हार्ट सर्जरी करने वाले डॉ जयकिशन सुथार ने 20 दिन के शिशु से लेकर 104 वर्षीय वृद्ध मरीज का ऑपरेशन किया है। अब तक तीन हजार से अधिक मरीजों को स्वास्थ्यलाभ प्रदान किया है। मैनेजर सचिन सुथर ने बताया कि 7 दिसम्बर 2019 को प्रथम दिन दो ओपन हार्ट सर्जरी की गई उसके बाद मरीजों के लिए डॉ. सुथार वाकई भगवान साबित हुए। बड़े नगरों जयपुर, अहमदाबाद में जाना, वहां इलाज करवाना हर वर्ग के लिए संभव नहीं होता है। अब बीकानेर में ही यह सुविधा मिलने से मरीजों को राहत मिल रही है।