महाकुम्भ स्नान के साथ खास बनी महाशिवरात्रि, नन्दीसेवा, जरुरतमंदों को भोजन व रुद्राभिषेक से करें महादेव को प्रसन्न

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होता है। साधक महाशिवरात्रि पर पूजा के दौरान भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, जिससे उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। पं. गिरधारी सूरा पुरोहित ने बताया कि पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी तथा इस तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। पं. सूरा ने बताया कि 26 फरवरी को गोचरवश त्रिग्रही योग में बुधादित्य-योग का निर्माण हो रहा है। यह बड़ा ही दुर्लभ संयोग है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा लेकिन उसकी जगह अमृतकाल मुहूर्त रहेगा। सुबह 07:28 से 09:58 के बीच और रात्रि 8:00 बजे के बाद सुबह तक पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। शिवरात्रि अपने आप में ही खास दिन होता है, इस दिन कभी भी शिव का अभिषेक कर सकते हैं।

इसी के साथ ही महाकुंभ में महाशिवरात्रि का स्नान भी होने से इस बार की शिवरात्रि का महत्व है।
यह करें उपाय- अगर आप मानसिक तनाव की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने के बाद सफेद चीजों का दान करें। जैसे- चावल, दूध और दही आदि। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से चंद्र दोष दूर होता है और महादेव की कृपा से रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। धन प्राप्ति के लिए बिल्वपत्र से पूजा करें। पुत्र प्राप्ति के लिए दूध और हल्दी मिलाकर अभिषेक करें। प्रेम प्राप्ति के लिए शिव पार्वती का संयुक्त पूजन करें। सुख समृद्धि के लिए सफेद आंकड़े के फूल अर्पित करें। सर्व मनोकामना पूर्ति के लिए पंचामृत अभिषेक कराएं। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर बिल्वपत्र, शमी के पत्ते और धतूरे के पत्ते अर्पित किए जाते हैं। इस दिन 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ú नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। शमी वृक्ष के पत्तों तथा चमेली के फूल से शिव जी का पूजन करने पर अपार धन-संपदा का आशीष मिलता है। महाशिवरात्रि पर सायंकाल के समय शिव मंदिर में दीया जलाने से धन संबंधी समस्याएं दूर होकर अपार धन-संपत्ति तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं।

रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही रुद्र कहा जाता है। रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन सिर्फ शिव ही नहीं बल्कि माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, अशोक सुंदरी, मनसादेवी, नंदी, वासुकि नाग, रिद्धि सिद्धि, लाभ शुभ, आमोद प्रमोद, मूषक, मयुर, आदि सभी की पूजा करें। सोलह श्रृंगार की सामग्री माता पार्वती को चढ़ायें और मेहंदी माता पार्वती के लगाए जिससे वैवाहिक जीवन के लिए काफी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आपका दांपत्य जीवन सुखमय और खुशहाल रहेगा। महाशिवरात्रि पर गरीबों, असहाय व्यक्तियों को भोजन कराएं। गौसेवा व नंदीसेवा करें। इससे घर में कभी अन्न एवं धन की कमी नहीं होगी और पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।