किस्मत और सेहत दोनों का कनेक्शन है एलोवरा के पौधे से
एलोवेरा का नाम इन दिनों बहुत लिया जा रहा है। हेल्थ और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इसका भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। एलोवेरा को ग्वारपाठा, घृत कुमारी या क्वारगंदल कहते हैं। यह पौधा कई प्रकार के औषधीय गुणों से संपन्न है। यह दर्द निवारक, जले घावों पर, चोट में, गठिया में, पुराना बुखार, चर्म रोग, अस्थमा, पेट व आंत के रोगों तथा कोलेस्ट्रॉल कम करने और कैंसर जैसे रोग में भी उपयोगी है। इसके सेवन से शरीर के कई रोगों का निवारण होता है। आयुर्वेद और वैज्ञानिक दोनों ही इसे खूबियों वाला मानते हैं। इसका सेवन उतना ही लाभप्रद होता है जितना की इसे बाहरी त्वचा पर लगाना। इसकी कांटेदार पत्तियों को छीलकर एवं काटकर रस निकाला जाता है।
अगर 3-4 चम्मच रस सुबह खाली पेट ले लिया जाए तो दिन-भर शरीर में शक्ति व चुस्ती-स्फूर्ति बनी रहती है। एलोवेरा में एंटी बैक्टेरिया और एंटी फंगल गुण होते है। छोटी-मोटी चोट, जलने-कटने पर व किसी कीड़े के काटने पर जेल को लगाया जा सकता है। एलोवेरा खून में शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द व फटी एडियों के लिए यह लाभप्रद है। एलोवेरा का सेवन खून की कमी को भी दूर करता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। घर में एलोवेरा का पौधा लगाना शुभ होता है।
यह पौधा घर पर लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। सफलता की राह में आ रही सभी तरह की बाधाओं को दूर करने में यह पौधा सहायक है। इस पौधे को वैसे तो किसी भी दिशा में लगा सकते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार तरक्की के लिए पश्चिम में लगाना उत्तम है। इसके घर में लगे होने से वातावरण सकारात्मक और सुंदर बनता है। एलोवेरा के इस्तेमाल से फायदा होता ही है इसके होने भर से भी कई बीमारियां दूर रहती हैं। मन की शांति और सेहत की राहत चाहिए तो इस पौधे को पूर्व दिशा में लगाएं। इस पौधे को ज्यादा पानी की जरुरत नहीं रहती और धूप से भी इसको कोई नुकसान नहीं होता