मिठाई व्यापारियों की लापरवाही : ट्रे में रखी मिठाइयों पर नहीं लिखी होती है एक्सपायरी डेट
बीकानेर। मिठाई की ट्रे पर दुकानदारों को यह लिखकर रखना अनिवार्य है कि मिठाई का उत्पादन किस तारीख को हुआ है और उसे ग्राहक किस दिन तक खा सकते हैं। यानीकि खुली मिठाई पर भी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखनी अनिवार्य है परंतु नियम की पालना में लापरवाही को देखते हुए आयुक्तालय खाद्य सुरक्षा द्वारा नियमों को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि दशहरे के साथ त्यौंहारी मौसम शुरू हो चुका है और मिठाइयों की मांग बढऩी ही है। ऐसे में आमजन को शुद्ध व गुणवत्तापूर्ण मिठाइयां उपलब्ध हो इसके लिए लगातार निरीक्षण व नमूनीकरण का कार्य जारी है।
साथ ही मिठाइयों की मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपायरी डेट को प्रदर्शित करने का कार्य भी अभियान चलाकर करवाया जाएगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की ओर से 2021 से नियम लागू किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग त्योहारी सीजन में एक बार सभी मिठाई विक्रेताओं से समझाइश कर रहा है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि मिठाई व्यापारी एक्सपायरी डेट गलत न लिखें, इसके लिए दुकानों व उनकी किचन का खाद्य सुरक्षा अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा तारीख गलत लिखने जैसी शिकायतों की जांच, खाद्य पदार्थ के सैंपल टेस्ट से होगी। इसके बाद कई दिन पुरानी मिठाई बेचना अब संभव नहीं होगा। उल्लंघन करने पर गंभीरता के अनुरूप 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। दो दिन तक उपयोग वाली मिठाई में दुग्ध उत्पाद, रसगुल्ला, रस मलाई, रबड़ी रसमलाई, राजभोग, मलाई रोल, रसकदम, खीर मोहन आदि।
चार दिन उपयोग होने वाली मिठाई में मिल्क केक, पेड़ा, प्लेन बर्फी, मिल्क बर्फी, पिस्ता बर्फी, कोकोनट बर्फी, चॉकलेट बर्फी, सफेद पेड़ा, मोतीचूर मोदक आदि।
सात दिन उपयोग होने वाली मिठाइयों में घी व ड्राई फ्रूट लड्डू, काजू कतली, घेवर, शक्करपारा, गुड़ पारा, मूंग बर्फी, आटा लड्डू, ड्राई फ्रूट गुजिया, बूंदी लड्डू, काजू केसर बर्फी, बालूशाही, बादाम बर्फी, काजू खजूर, पिस्ता लोंग, छोटा केसर घेवर।
एक महीने तक उपयोग- आटा लड्डू, बेसन लड्डू, चना लड्डू, चना बर्फी, अंजीर खजूर बर्फी, सोहन हलवा, गजक व चक्की।