सीएम की रफ्तार में शामिल इस शख्स की पढ़ें पूरी कहानी
अलवर जिले की तिजारा सीट से जीत दर्ज करने के बाद भाजपा के फायरब्रांड नेता बाबा बालकनाथ रविवार देर रात 12 बजे भिवाड़ी पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान बाबा बालकनाथ ने पुलिस व प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब इलाके में चोरी-चकारी, लूट-डकैती बंद हो जाना चाहिए, प्रशासन अपने सूत्र दौड़ाए और अपराधियों को मैसेज दे दें। बाबा बालकनाथ के भिवाड़ी पहुंचने की सूचना पर उनके स्वागत के लिए लोग देर रात तक सोसाइटी और सड़कों पर डटे रहे। भिवाड़ी में बाबा बालकनाथ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- यह जीत आपकी है। इसका श्रेय सभी कार्यकर्ताओं क्षेत्र की माता-बहनों और जनता को जाता है।
यह जीत कानून व्यवस्था, सनातन धर्म की रक्षा और जन समस्याओं को दूर करने के लिए हुई है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर बात करते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी। कहा- आज से ही पुलिस प्रशासन कान खोल कर सुन ले। तिजारा और भिवाड़ी क्षेत्र में आज के बाद अगर कोई चोरी लूट डकैती या अन्य वारदात हुई तो इसके लिए प्रशासन की पूरी जवाबदेही होगी। पुलिस के लोगों को सब कुछ पता रहता है कि किसने चोरी की है, कौन चोर है। पुलिस अपने सूत्र दौड़ाए, अपने मुखबिर तंत्र का सहारा ले और बदमाशों तक संदेश पहुंचा दे कि अब उनकी तिजारा क्षेत्र में कोई जगह नहीं है। तिजारा और राजस्थान की सीमा से अपराधी बाहर चले जाएं वरना आज के बाद उन पर बुलडोजर चलना शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर महंत बाबा बालकनाथ ने कहा- राजस्थान में सीएम फेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय करेंगे। वे जिसको मुख्यमंत्री बनाएंगे वही राज्य के लोगों की सेवा करेगा। मैं तिजारा के लोगों की सेवा करने के लिए आया हूं और मुझे सिर्फ तिजारा के लोगों की ही सेवा करनी है। हिंदू बेल्ट हो या फिर मुस्लिम बेल्ट सभी जगह समान रूप से विकास करेंगे।
हिन्दुत्व की बात करने वाले 39 साल के बालकनाथ का रुतबा राजस्थान-हरियाणा में भीनतीजों के बाद देर रात खबरें चलीं कि पीएम नरेंद्र मोदी के बुलावे पर बालकनाथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। अगले दिन संसद कंपाउंड में पत्रकारों ने सीएम पद के बारे में पूछा- तो बालकनाथ गोलमोल जवाब दे गए। इस घटनाक्रम ने बालकनाथ योगी के राजस्थान सीएम पद की रेस में शामिल होने को हवा दी है। 39 साल के बालकनाथ योगी मठ के महंत, यूनिवर्सिटी के चांसलर, अलवर से सांसद और अब तिजारा से विधायक हैं। 16 अप्रैल, 1984 राजस्थान के अलवर जिले का कोहराना गांव में किसान सुभाष यादव के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। घर का माहौल धार्मिक था। बच्चे के दादा फूलचंद यादव साधू-संतों की संगत में रहते थे। पिता सुभाष भी महंत खेतनाथ के शिष्य थे और उनके दरबार में आते-जाते रहते थे। महंत खेतनाथ ने इस बच्चे का नाम गुरुमुख रखा। गुरुमुख जब 6 साल के हुए तो उन्हें अध्यात्म की पढ़ाई के लिए खेतनाथ के नीमराना आश्रम भेज दिया गया। यहां छात्रों को संन्यासी जीवन ही जीना पड़ता था। तभी से गुरुमुख भी संन्यासी जीवन जीने लगे। दीक्षा देने के बाद गुरुमुख को महंत चांदनाथ के पास भेज दिया गया।
नाथ संप्रदाय के चांदनाथ अस्थल बोहर में बाबा मस्तनाथ मठ के महंत थे। महंत चांदनाथ ने ही गुरुमुख को बालकनाथ नाम दिया। महंत चाँदनाथ के बारे में आपको बता दें कि महंत चांदनाथ का रुझान पढ़ाई-लिखाई की तरफ ज्यादा था। उन्होंने रोहतक और आसपास कई कॉलेज की स्थापना की। बाद में ये सभी कॉलेज बाबा मस्तनाथ ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के अंतर्गत आ गए। 2012-13 में इस ग्रुप को हरियाणा सरकार ने यूनिवर्सिटी की मान्यता दे दी। चांदनाथ इसके कुलपति बन गए। महंत चांदनाथ रोहतक और हनुमानगढ़ में 5 चैरिटेबल अस्पताल भी चलाते थे। 2014 में अलवर से सांसद बन गए। इस दौरान बालकनाथ अपने गुरु चांदनाथ के साथ समर्पित भाव से लग रहे। महंत चांदनाथ को 60 साल की उम्र तक कई बीमारियों ने घेर लिया। उन्हें थ्रोट कैंसर भी हो गया। शारीरिक अवस्था को भांपते हुए चांदनाथ ने 29 जुलाई 2016 को अपने शिष्य बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी चुन लिया। बालकनाथ अब महंत बालकनाथ बन गए। वो नाथ संप्रदाय के 8वें संत बने। जब बालकनाथ को संत चुना जा रहा था, तब उस भव्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव भी पहुंचे थे। अगले ही साल 17 सितंबर 2017 को चांदनाथ का निधन हो गया। जिसके बाद उनकी पूरी विरासत को बालकनाथ योगी ने संभाला। चांदनाथ के निधन के बाद बालकनाथ नाथ संप्रदाय के रोहतक स्थित सबसे बड़े अस्थल बोहर मठ के मठाधीश हो गए।
इस मठ से संचालित होने वाली बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी और तमाम अस्पतालों की कमान भी उनके हाथ में आ गई। 2019 में बीजेपी ने अलवर लोकसभा सीट से चांदनाथ के शिष्य बालकनाथ को ही टिकट दिया। महज 35 साल की उम्र में वो चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से भी अधिक वोटों से मात दी थी। तब से ही बालकनाथ अलवर क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं। अब बालकनाथ की इमेज एक मजबूत हिंदू नेता के तौर पर बनने लगी। रोहतक, हनुमानगढ़ और मेवात में उनकी लोकप्रियता लगातार बढऩे लगी। शुरुआत में बालकनाथ रोहतक के अलावा हनुमानगढ़ स्थित अपने आश्रम में भी रहते थे, लेकिन राजस्थान की राजनीति में एक्टिव होने के बाद से ही वो अलवर में रहने लगे। इस वक्त वह नाथ संप्रदाय के दूसरे सबसे बड़े महंत हैं। नाथ संप्रदाय के मुताबिक गोरखधाम के महंत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। रोहतक की गद्दी पर बैठने वाले बालकनाथ नाथ संप्रदाय के उपाध्यक्ष हैं। अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से बालकनाथ ने कांग्रेस के इमरान खान को हराया है। जनवरी 2023 में सांसद बालकनाथ ने अलवर के बहरोड़ में पुलिस थाने में घुसकर डीएसपी को धमकी दी थी। इसके बाद पुलिसवाले और सांसद के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। यह विवाद भाजपा कार्यकर्ता को हिरासत में लेने पर विवाद हुआ था। सीएम फेस में बालकनाथ का नाम आ रहा है कारण साफ है कि हरियाणा, राजस्थान और आसपास के इलाकों में इनका अच्छा प्रभाव माना जाता है। दूसरा- वो हिंदुत्व कार्ड में फिट बैठते हैं। इससे भाजपा के लिए ध्रुवीकरण आसान हो जाएगा। साधु-संत को सीएम बनाने से जनता में पॉजिटिव मैसेज जाता है कि भ्रष्टाचार नहीं होगा। हालांकि वसुंधरा की वजह से बालकनाथ को सीएम बनाना इतना आसान भी नहीं होगा। 35 से ज्यादा विधायक वसुंधरा के करीबी हैं, जो किसी दूसरे को आसानी से मुख्यमंत्री स्वीकार नहीं करेंगे।