ऐसे शिष्य का गुरु होना भी जीवन की सार्थकता को दर्शाता है : श्रीश्यामादासजी महात्यागी
एक माह बाद मथुरा से विदाई ली तो भावुक हुए गुरु-शिष्य, ग्रामवासियों ने किया अभिनंदन
मथुरा/बीकानेर। सबके मन भावुक थे… बिछुडऩे के कारण मन उदास था। यह सब दृश्य था ग्राम वाटी से राष्ट्रीय संत श्रीसरजूदासजी महाराज के बीकानेर प्रस्थान का। महंत श्रीभगवानदासजी महाराज ने बताया कि विगत लगभग एक माह से राष्ट्रीय संत श्री सरजूदासजी महाराज द्वारा अपने परम पूज्य गुरुदेव श्रीश्यामादासजी महात्यागीजी के सान्निध्य में मथुरा ग्राम वाटी में श्रीराम महायज्ञ एवं संगीतमय श्रीमद्भागवत पुराण के भव्य आयोजन में जुटे हुए थे।
आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं की देखरेख में लगे कार्यकर्ताओं, ग्रामवासियों का श्रीसरजूदासजी महाराज के साथ आत्मीयता से जुड़ाव हो गया था। इसी जुड़ाव के कारण बुधवार को विदाई के समय ग्रामवासियों व कार्यकर्ताओं के साथ-साथ गुरुदेव श्रीश्यामादासजी महात्यागीजी भी भावविह्वल हो उठे।
आपको बता दें आयोजन की पूर्णाहुति के बाद गुरुदेव श्रीश्यामादासजी महाराज एवं अन्य वरिष्ठ संतों के साथ प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्याजी के दर्शन किए और सरयू नदी में स्नान कर विश्व कल्याण की कामना की थी। आयोजन की सफलता व तीर्थ स्नान आदि के बाद अपने शिष्य की कृतज्ञ भावों को महात्यागीजी ने सराहा व शुभाशीष प्रदान किया। महंत भगवानदासजी ने बताया कि श्री धाम बहुलावन बाटी को भव्य आयोजन के जरिए एक नई पहचान देकर श्री महामंडलेश्वर सरजूदास जी महाराज ने बीकानेर के लिए प्रस्थान किया। गौरतलब है कि श्रीसरजूदासजी महाराज बीकानेर में सुजानदेसर स्थित रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर हैं तथा बहुत कम समय में ही बीकानेरवासियों के हृदय में बसते हैं।