भारतीय हॉकी टीम ने दोहराया 52 साल पुराना इतिहास, लगातार दो ओलंपिक में मेडल
भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलिंपिक का ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। टीम इंडिया ने स्पेन को 2-1 से हराया। दोनों गोल कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने किए। वे 10 गोल के साथ टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर भी हैं। ओलिंपिक का यह ब्रॉन्ज मेडल मैच गोलकीपर श्रीजेश का आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला था। उन्होंने ओलिंपिक से पहले ही अपने संन्यास का ऐलान कर दिया था। श्रीजेश ने ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 11 पेनल्टी कॉर्नर सेव किए थे। यह मैच पेनल्टी शूटआऊट में गया था, इसमें भी उन्होंने 2 शानदार सेव किए थे इंडियन टीम ने ओलिंपिक में लगातार दूसरा ब्रॉन्ज मेडल जीता है। टोक्यो में इंडिया ने जर्मनी को हराकर ब्रॉन्ज जीता था।
ओलिंपिक में हॉकी का 13वां मेडल जीता- भारतीय टीम ने ओलिंपिक गेम्स में हॉकी में 13वां मेडल जीता है। यह टीम का चौथा ब्रॉन्ज मेडल है। इससे पहले टीम 8 गोल्ड और एक सिल्वर जीत चुकी है।
52 साल बाद लगातार दो ओलिंपिक में हॉकी मेडल- भारत ने 52 साल बाद लगातार दो ओलिंपिक गेम्स में हॉकी का ब्रॉन्ज जीता है। इससे पहले भारतीय हॉकी टीम ने 1968 और 1972 के ओलिंपिक में लगातार दो मेडल जीते थे।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. इसके साथ ही इस ओलंपिक में भारत के 4 मेडल हो गए हैं. यह सभी ब्रॉन्ज ही हैं. पिछले तीनों ब्रॉन्ज मेडल शूटिंग में मिले थे. सबसे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज दिलाया. फिर दूसरा ब्रॉन्ज भी मनु भाकर ने मिक्स्ड टीम इवेंट में दिलाया. उनके साथ सरबजोत सिंह भी टीम में थे. तीसरा ब्रॉन्ज मेडल स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग की मेन्स 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में दिलाया.