पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास : पीडि़त कोमा में गई या मौत हुई तो दोषी को 10 दिन में फांसी होगी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एंटी रेप बिल पास हो गया। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीडि़त के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। इस बिल के अनुरसार, रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है। ऐसे मामलों में पुलिस को 21 दिनों जांच पूरी करनी होगी। इस बिर में दरिंदगी करने वाले के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान है। इस बिल में अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है। इस बिल में हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान है।

रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स एक्शन लेगी। टास्क एक्शन फोर्स इस मामले में अपराधियों सलाखों के पीछे पहुंचाएगी। ममता सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल में रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर माना गया है। महिलाओं पर एसिड अटैक करने वालों के खिलाफ ऐसी सजा का प्रावधान किया गया है कि वो ऐसे अपराध करने से पहले 10 बार सोचेंगे। इसके लिए इस बिल में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। वहीं इस बिल रेप जैसे मामले में पीडि़ता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। इस बिल के अनुसार, रेप पीडि़ता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है। सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान है। सरकार को उम्मीद है कि इस बिल को लाने से प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों में कमी आएगी।