विवाह में हो रही देरी तो करें ये काम
सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किया जाता है, जो कि पार्वती जी का ही नाम है। इस बार श्रावण मास में कुल 4 मंगला गौरी व्रत पड़ रहे हैं। 30 जुलाई 2024 मंगलवार को दूसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। देवी मंगला आदिशक्ति गौरी का ही मंगल स्वरूप है यानी इस स्वरूप में गौरी माता अपने भक्तों का मंगल ही मंगल करती हैं। माता गौरी का यह मंगलकारी स्वरूप सिंदूरी आभा लिए हुए तथा इसका संबंध मंगल ग्रह और महिलाओं के अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति तथा संतान की रक्षा से है। देवी मंगला गौरी सुहाग और गृहस्थ सुख की देवी मानी जाती हैं। यह माता का 8वां स्वरूप है। इन्हें अष्टमी की देवी भी कहा जाता है। दुर्गा का अष्टम रूप महागौरी है। इस दिन मंगल दोष से बचने के लिए मंगला गौरी व्रत, मंत्र जाप और निम्न उपाय आपकी शादी की राह को आसान बनाने में आपकी मदद करेंगे।
कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है। अत: मंगलवार के दिन मंगला गौरी के साथ-साथ हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए। मंगला गौरी व्रत के दिन एक समय ही शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए। मंगलवार के दिन बंधुजनों को मिठाई का सेवन कराने से भी मंगल शुभ बनता है। एक लाल वस्त्र में दो मु_ी मसूर की दाल बांधकर मंगलवार के दिन किसी भिखारी को दान करनी चाहिए।
कुंवारी कन्याओं को मंगल दोष में श्रीमद्भागवत के अठारहवें अध्याय के नवम् श्लोक जप, गौरी पूजन सहित तुलसी रामायण के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इस दिन विवाह योग्य जातक को मिट्टी का खाली पात्र चलते पानी में प्रवाहित करना चाहिए। कन्या की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तवे पर ठंडे पानी के छींटे डालकर रोटी बनानी चाहिए। लाल किताब के अनुसार अगर कुंडली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्टी नहीं लगानी चाहिए। पूरे श्रावण मास में या व्रत के दिन श्री मंगला गौरी मंत्र-ú गौरीशंकराय नम: का अधिक से अधिक जाप करें। लाल कपड़े में सौंफ बांधकर अपने शयनकक्ष में रखनी चाहिए। इस उपाय से इस दोष में कमी आती है। इन उपायों से जीवन की राह आसान हो जाती है और जातक के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।