कुंडली में अगर शनि दोष हैं तो करे ये उपाय
शनि देव को न्याय का देवता बताया गया है. व्यक्ति के कर्मों के अनुसार शनि देव लोगों को उचित फल और दण्ड देते हैं. पंडित गिरधारी पुरोहित सुरा के अनुसार यदि शनि देव की दृष्टि किसी व्यक्ति पर बिगड़ जाए तो उसे लेने के देने पड़ जाते हैं. उसकी जिन्दगी परेशानियों से भर जाती है, उसे आर्थित तंगी का सामना करना पड़ता है. मान-सम्मान का नुकसान भी होता है और परिवार में क्लेश भर जाता है. वहीं किसी व्यक्ति पर शनि देवता की शुभ दृष्टि पड़ जाए तो व्यक्ति का उद्धार हो जाता है. उसकी जिन्दगी खुशियों से भर जाती है. घर में आय के रास्ते बनते हैं और व्यापार या नौकरी में अच्छे योग बनने शुरू हो जाते हैं. शनिवार के दिन प्रात: स्नान कर शनि देव की पूजा-आराधना करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. यदि आपके जीवन में धन, नौकरी व्यापार या निजी समस्याएं चल रही हैं तो ये है कुछ उपाए जिनसे आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं. आइए जानते हैं शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय के बारे में. यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में शनि दोष है या शनि की साढ़े साती चल रही है तो ऐसे लोगों को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मंत्र का जाप करें।
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शंयोरभिश्रवन्तु न:। ऊँ शं शनैश्चराय नम:।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
शनि के उपाय
गरीबों और ज़रुरतमंदों की मदद करने वालों पर शनि देव की विशेष कृपा रहती है. अगर आप भी शनि देव की कृपा चाहते हैं तो आपको भी दान पुण्य करते रहना चाहिए. शनि देव की कृपा के पात्र बनने के लिए ज़रुरतमंदों को काले चने, काले तिल, उड़द दाल और सवच्छ कपड़े सच्चे मन से दान करते रहना चाहिए.
यदि आपकी जिन्दगी में धन, नौकरी या व्यापार से जुड़ी समस्याएं चल रही है तो प्रति शनिवार को आपको प्रात: स्नान करने के बाद शनि यंत्र की पूजा करनी चाहिए. इससे आपकी नौकरी और व्यापार से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी और घर परिवार में समृद्धि आएगी.
कहते हैं कि सभी प्राणियों के प्रति सद्भाव रखना चाहिए. लेकिन शनि देव को खुश करने के लिए विशेष तौर पर कुत्तों के प्रति अधिक स्नेह रखना चाहिए. कुत्तों की सेवा और देखभाल करने वालों से शनि देवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं. कुत्तों को खाना देने और उनकी देखभाल करने वालों पर शनि देव कभी रुष्ट नहीं होते और ऐसे लोगों पर अपनी कृपा बनायें रखते हैं. बजरंग बली और शनि देव का गहरा नाता है. दोनों के बीच मित्रवत रिश्ता है यदि कोई व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो उसपर शनि देव की विशेष कृपा बनती है. भगवान शंकर, शनिदेव के गुरु माने जाते हैं. इसलिए जो व्यक्ति भगवान शिव की आराधना करता है, शिवलिंग पर तिल डालकर जल चढ़ाता है, शनिदेव सदैव उसका ध्यान रखते हैं.
18 दिसम्बर 2023 सोमवार का पंचांग एवं मुहुर्त
संवत् 2080, शाके 1945, माह : मार्गशीर्ष
तिथि- षष्ठी पक्ष- शुक्ल, नक्षत्र- शतभिष योग- वज्र
करण- तैतुल गर चंद्र राशि- कुम्भ सूर्य राशि- धनु
सूर्योदय 7:27 बजे, सूर्यास्त 5:38 बजे
राहुकाल : सुबह 8:41 से सुबह 9:58 बजे तक
अभिजीत : दोपहर 12:1३ से दोपहर 12:51 बजे तक
शुभ समय : सुबह 7:23 से सुबह 8:41 बजे तक
दोपहर 3:08 से शाम 5:43 बजे तक
पंडित गिरधारी सूरा (पुरोहित)
3-बी-267, सुदर्शनानगर नागणेचीजी मंदिर
के पीछे, बीकानेर 9950215052