हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय और मकानों में ठहरने वालों एवं विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कार्मिकों अथवा मजदूरों का करवाना होगा पुलिस चरित्र सत्यापन

बीकानेर। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट नम्रता वृष्णि ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आवश्यक आदेश जारी किया है। इस संबंध में जिले में स्थित हॉस्टल, पीजी, ढाबे, सराय, धर्मशालाओं आदि में बाहर से कुछ आसामाजिक तत्व अथवा संदिग्ध व्यक्ति आकर रहने लग जाते हैं और घरेलू नौकर, किराएदार, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों आदि पर ऐसे लोग कार्य करने लग जाते हैं। हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय मालिकों, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के प्रबन्धकों द्वारा इनका पुलिस चरित्र सत्यापन नहीं करवाया जाता है। ऐसे असामाजिक तत्व अथवा संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा कानून व्यवस्था अथवा सामाजिक सौहार्द को बिगाडऩे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
इसके मद्देनजर हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय मालिकों, मकान मालिकों द्वारा इनके यहां ठहरने वालों एवं विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों को अपने कार्मिकों अथवा मजदूरों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाने के लिए पाबंद किया जाना अति आवश्यक है। इसके मद्देनजर लोकहित में भारत-पाक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से संबंधित सीमावर्ती जिला होने के कारण आंतरिक सुरक्षा के दृष्टिगत हॉस्टल, पीजी, ढाबे, धर्मशाला, सराय मालिकों, मकान मालिकों द्वारा इनके यहां ठहरने वालों एवं विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों को अपने कार्मिकों/मजदूरों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाने हेतु पाबंद किया जाना नितान्त आवश्यक है। यह आदेश सम्पूर्ण जिले में तुरन्त प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने पर पुलिस प्रशासन अथवा उपखण्ड अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत दण्डित कराने की कार्यवाही की जाएगी।
